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लालू भर्ती हुए अस्पताल में, इधर 'घर' में हो गयी भारी सेंधमारी। Lalu led RJD leaders join BJP in mass.

  पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। यह महज संयोग है या राजनीतिक उस्तादी! राजद सुप्रीमो  अपने इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती हैं और इधर पटना में बड़े पैमाने में राजद के बना बनाये 'घर' में सेंधमारी हो गयी। जी हां। लालू के सानिध्य में राजनीति के ककहरा सीखने वाले पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व पूर्व पार्षद समेत कई दिग्गज नेताओं को भाजपा ने फोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। देखिए किन-किन नेताओं को भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया है। राजद नेताओं को पार्टी में शामिल करने में बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव की अहम भूमिका है। राजद के अलावा कांग्रेस व लोजपा नेताओं को भी भाजपा ने फोड़ा है। 1)  सीताराम यादव, पूर्व सांसद, राजद 2) प्रो० (डॉ) दिलीप कुमार यादव, पूर्व विधान पार्षद, राजद 3)  संतोष मेहता, पूर्व महासचिव, राजद 4)  रामजी मांझी, पूर्व उपाध्यक्ष, राजद 5) श्रीमती नगीना देवी, पूर्व विधायक, लोजपा 6)  सुबोध कुमार पासवान, पूर्व विधायक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 7) श्रीमती अनीता यादव, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता,कांग्रेस 8) श्रीमती मीरा देवी, उप-महापौर,पटना

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा- जदयू में शह मात का खेल! Big bargaining going on between BJP and JDU

  पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार में मंत्रिमंण्डल विस्तार को लेकर भाजपा और जदयू के बीच शह मात का खेल चल रहा है। भाजपा इस बार 74 सीटें लेकर कतई 43 सीटों वाले नीतीश कुमार के समक्ष बौना नहीं बनना चाहती है। किन्तु जदयू की कोशिश है कि भाजपा को बराबरी पर तौल दें। नीतीश भक्त भाजपा नेताओं को नमो- नड्डा- शाह की तिकड़ी ने पहले ही संदेश भेज दिया है। सुशील कुमार मोदी, प्रेम कुमार और नंद किशोर यादव को पत्ता साफ किया गया। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सबका विकास पार्टी का एजेंडा है। ऐसे में केवल खास लोग ही क्यों मंत्रिमंण्डल का हिस्सा बनते रहेंगे। उस वरिष्ठ नेता का कहना है कि तार किशोर, रेणु देवी भी रफ्तार से काम कर रहे हैं। बहरहाल सुशील कुमार मोदी तो अपनी मारक नीति से राज्यसभा पहुंच गए पर प्रेम कुमार, नंद किशोर यादव और प्रमोद कुमार कुमार सरीखे नेता बगैर मंत्रिपद अस्ताचल की ओर जा रहे हैं। कई पूर्व मंत्री तो दो महीने में ही गुमनामी के अंधेरे में गुम नजर आ रहे हैं। कई पूर्व मंत्री प्रदेश भाजपा कार्यालय में जाते हैं पर उन्हें कोई नोटिश नहीं लेता। ऐसे नेता ड्राइवर को कहते हैं, चल भाई काम हो गया और

कोसी महासेतु: सवा दो सौ किलोमीटर की दूरी अब 22 किलोमीटर में तय।Kosi river bane, kosi Mahasetu boon

  पटना। न्यूज़। बिहार का दिन आज कई मायने में महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोसी मेगाब्रिज का उद्घाटन किया। यह पुल कोसी और मिथिला के लोगों को जोड़ने में सेतु का काम करेगा। इस पुल के नहीं रहने से कोसी और मिथिलांचल के बीच 215 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, किन्तु कोसी महासेतु के बन जाने से महज 22 किलोमीटर में यह फासला तय हो जाएगा। वर्ष 1934 के भूकं में पहले वहां मौजूद सेतु टूट गया था।  84 वर्ष के बाद वहां कोसी महासेतु बनकर तैयार हुआ है।  खास है कि वर्ष 2003 में तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पल का शिलान्यास किया था और अब उन्हीं के शिष्य नरेंद्र मोदी ने बतौर पीएम पुल का उद्घाटन किया है। कोसी महासेतु के उद्धाटन अवसर पर शरीक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आज आपके द्वारा इस महासेतु का उद्घाटन हो रहा है।उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व में रेलवे की कई योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है, ये मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन का उद्घाटन हो रहा है। यह भी खुशी की बात है। श्रद्धेय अटल जी क

मांझी के नीतीश पाले में जाने की घोषणा से एनडीए में हलचल। Manjhi effect

 पटना। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कल नीतीश की मौजूदगी एनडीए में शामिल होने की घोषणा से सत्ताधारी दलों में हलचल बढ़ गयी है। मांझी 3 सितंबर को जदयू से हांथ मिला रहे हैं और भाजपा तथा लोजपा किसी को निमंत्रण अब तक नहीं मिला है। समझा जाता है कि नीतीश कुमार अपने कोटे से मांझी की अगवाई वाले दल को टिकट देंगें। मांझी ने वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव एनडीए के बैनर तले ही लड़ा था। उस समय उन्हें 22 सिटीन चुनाव के लिए दी गयी थी, किन्तु वह केवल अपनी सीट जीत पाए। किन्तु इस बार मांझी को पहले जितनी टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है।  मांझी की गतिविधियों को देखते हुए लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने 7 सितंबर को संसदीय दल की बैठक दिल्ली में बुलाई है। इस बैठक में चिराग कोई अहम फैसला ले सकते है। लोजपा सूत्रों का कहना है कि वह भाजपा के साथ हैं और भाजपा के साथ रहेंगें। लोजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इन दिनों जदयू का तौर तरीका काफी बदल गया है। हमलोगों को घास फूस समझा जा रहा है। लोजपा नेता ने दुखड़ा रोते हुए कहा कि हमारे नेता चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र से अध

मांझी के साथ एक नाव में क्या नीतीश चिराग को बैठाएंगे!!

पटना। जैसे जैसे बिहार का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे नए राजनीतिक समीकरण की बुनियाद पड़ने लगी है। जिसका जितना मजबूत समीकरण बनेगा बाजी उसी के हांथ लगने की उम्मीद है। महागठबंधन से अलग हुए जीतनराम मांझी ने नया ठौर खोज लिया है। वह नीतीश की अगुवाई वाले जदयू के साथी बनेंगे। इस बात का आज पुख्ता प्रमाण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे दिए हैं। ऊर्जा क्षेत्र के कई परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और कार्यारम्भ के मौके पर नीतीश कुमार ने वर्चुअल कांफ्रेंस में जीतनराम मांझी को भी साथ बैठाया।  आज करीब 4900 करोड़ के ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास हुआ है। जाहिर है मांझी अब जदयू का नाव खेयेंगे। अब एक सवाल है। जब मांझी जदयू के साथ आ जाएंगे तो लोजपा नेता चिराग पासवान कहां रहेंगे। क्या नीतीश उन्हें जदयू में रखना पसंद करेंगे? ये लाख टके का सवाल है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश ने चिराग को अपने साथ नहीं रहने की मंशा जाहिर कर दी है। इसलिए मांझी के लिए पहले से स्पेस बना दिया। अलबता भाजपा के लिए ये धर्मसंकट है। समझ जाता है कि मांझी के जदयू से हांथ मिलाने के बाद बिहार में नया समीकरण उभर रहा है।