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तो पारस हॉस्पीटल में कोरोना पीड़ित महिला की आवाज का गला घोंट दिया गया। victim voice managed to keep mum

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। पटना के पारस अस्पताल में 17 अप्रैल को एक कोरोना पीड़ित महिला की अश्मिता से खेलने का मामला तेजी से वायरल हुआ था। खुद पीड़ित महिला की बेटी ने अपनी माता का वीडियो बनाकर सर्वजनिक किया था। किन्तु आज 18 अप्रैल उस मामले में अचानक नरमी आ गयी। पीड़ित महिला की बेटी ने अब तक कोई शिकायत नहीं दर्ज की है। उसका कहना है कि फिलहाल उसकी माँ वेंटिलेटर पर है और वह ठीक होकर खुद  बयान देगी। समझ लीजिए पूरी तरह मामले को मैनेज कर लिया गया। जो अस्पताल की छवि है उसे देखते हुए अनुमान लगाया जाता है कि अब पीड़ित महिला का बचना ही मुश्किल है। तो फिर बयान आएगा ही नहीं। पीड़ित महिला की बेटी में भी उस रोशन की पत्नी की तरह आग नहीं है जिसने भागलपुर और पटना के राजेश्वर अस्पताल को कटघरे में खड़ा कर दी । हम चाहते हैं कि ईश्वर पारस अस्पताल के पीड़ित महिला को लंबी जिंदगी दे। इसी बीच पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जाप पार्टी की महिला विंग ने पारस अस्पताल पर धावा बोल दिया। जाप महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रानी चौबे ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने कहा

जान बचाने का शराबबंदी कानून बन रहा जानलेवा.

पटना। न्यूज़। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जनता का जान बचाने के लिए सूबे में शराबबंदी कानून बना दी पर यह कानून जहरीली शराब की ओट में सैकड़ों की जान ले चुका है और हजारों गरीब लोग शराब पीने के कारण जेल में बंदी पड़े हैं। 14-15 दिसम्बर 2022 के बीच सारण जिले में 20 लोगों की मौत जहरीली शराब से हो गयी है। यदि वर्ष 2016 यानी जबसे शराबबंदी कानून लागू हुआ है उस दिन से गणना की जाए तो सैकड़ों लोग शराबबंदी के भेंट चढ़ चुके हैं। देखिए सारण जिले के किन किन लोगों की मौत शराब पीने से हुई है। निम्न सारण जिले के मशरख ब्लॉक का आंकड़ा है:  संजय कुमार सिंह, वकील सिंह, डोयला. हरेंद्र राम, गणेश राम, मशरक तख्त. भरत साह, गोपाल साह, शास्त्री टोला , मशरक. मोहम्मद नसीर, शमशुद्दीन मिया, तख्त. विचेन्द्र राय, नरसिंग राय, डोयला. रामजी साह, गोपाल साह, शास्त्री टोला, मशरक. अजय गिरी, सूरज गिरी, बहरौली, मशरक. मनोज कुमार, लालबहादुर राम, दुरगौली, मशरक. भरत राम, मोहर राम, मशरक तख्त.कुणाल सिंह, जद्दु सिंह, यदु मोड़ , मशरक. जयदेव सिंह, विन्दा सिंह, बेन छपरा, छपरा. अमित रंजन सिन्हा, दिवेन्द्र सिन्हा, डोयला, इसुआपुर. गोविंदा रा

लोजपा में टूट के बाद भी चिराग की नहीं बुझेगी लौ। Now Chirag's Agnipariksha starts

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार में लोजपा की बड़ी टूट के साथ ही यहां खेला शुरू हो गया है। चिराग पासवान के अपने सगों ने पार्टी के पांच सांसदों के साथ चिराग को अलग थलग कर दिया। इस परिस्थिति के लिए खुद चिराग पासवान,  उनके खास चाचा पशुपति कुमार पारस और नीतीश कुमार सूत्रधार हैं। जब तक  किसी नेता की छवि जनता के दरवाजे पर खाक छानने की नहीं होगी वह अपनी जाति की राजनीति नहीं कर सकता है। रामविलास पासवान ने जमीन तैयार की थी। उसकी कमाई उनके दोनों भाई पशुपति कुमार पारस व रामचन्द्र पासवान खा रहे थे। रामविलास के निधन के बाद इन्हें ढोने वाला कोई नहीं है। जो संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए बिहार की राजनीति में अभी रामविलास पासवान का ही नाम बिकेगा। पासवान वोट रामविलास के कारण चिराग के साथ ही हैं। ये बात अलग है कि पारस केंद्र में मंत्री बन जाएंगे। किन्तु किसी भी चुनाव में  चिराग जहां रंहेंगे पासवान का वोट उन्ही की तरफ जाएगा। यही कारण है कि कांग्रेस ,वामदल  व राजद के नेताओं ने चिराग को अपने साथ आने का निमंत्रण दिया है।  वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही लोजपा में टूट की नींव पड़ गयी थी। चुनाव