आखिर जिनपर शराब रोकने की जिम्मेवारी वो डीएम, एसपी कैसे हैं नीतीश के 'घरारी'। Why no action on DM/SP of Saran
पटना। न्यूज़। जिस सारण ( छपरा) जिले के इशुआपुर और मशरख में जहरीली शराब से हर घर मे मातम पसरा है पर उस जिले के डीएम और एसपी पर क्यों नहीं कारवाई हुई। जब पूरे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू है तो सारण जिले में शराब की एंट्री कैसे हुई।आखिर डीएम और एसपी की चौकीदारी के बावजूद मशरख में जहरीली शराब कैसे पहुंची। यदि तमाम सुरक्षा के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है तो उस जिले के डीएम और एसपी पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हो रहा है। सारण में अब तक जहरीली शराब से तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।जय प्रकाश नारायण की कर्मस्थली छपरा के आसपास जहरीली शराब से लाशें बिछी हैं। बिहार उन दोषियों को पकड़ने के लिए एक और आंदोलन खोज रहा है। सारण के डीएम, एसपी समेत पूरे प्रशानिक व्यवस्था को बदलने की जरूरत है ताकि अन्य जिले इससे सबक ले सके। शराब पुलिस महकमा की कमाई का धंधा बन चुका है। कोर्ट में भी मोटी रकम जा रही है। इसलिए जंगलराज जैसे मोई नया आदेश सामने आ रहा है।
संसद में फिर जहरीली शराब का मामला उठा है। सांसद राजीव प्रताप रुडी ने जहरीली शराब की जांच के लिए सारण में केंद्रीय टीम भेजने की मांग की है। वहीं प्रशांत किशोर ने अगले 48 घंटे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी वापस लेने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी फ़ैल है और गरीब मर रहे हैं।
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