पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। सीएम की कुर्सी पर आंख गड़ाए तेजस्वी यादव को वर्ष 2025 तक डिप्टी सीएम से ही संतोष करना पड़ेगा। सीएम नीतीश कुमार ने आज स्पष्ट कर दिया कि वर्ष 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यानी तब तक सीएम की कुर्सी पर अपनी नजर न रखे। बिहार की राजनीति का यह बड़ा बयान है और इस बयान में कई अर्थ छिपे हैं। पहली बात कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीएम हैं राजद या तेजस्वी यादव को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि उन्हें सीएम की कुर्सी मिलेगी। साथ ही नीतीश के इस बयान से उनके कार्यकर्ता एकजुट रहेंगे। राजद व जदयू के विलय प्लान से जदयू में खलबली मची है। नीतीश के ताजा बयान से फिलहाल जदयू के नेता शांत हो जाएंगे। अगला तीन साल किसने देखा है। अलबत्ता नीतीश ने राजद की औकात बात दी है। अब न जगदानंद कुछ बोलेंगे और न ही शिवानंद कटाक्ष करेंगे। यह विश्लेषण का विषय है कि वर्ष 2024 का चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने की बात कहकर नीतीश अपनी पार्टी का भविष्य किसके कंधे पर छोड़ना चाहते हैं। क्या नीतीश रहित जदयू के कार्यकर्ता तेजस्वी की अगुवाई स्वीकार कर लेंगे। समझ जाता है कि नीतीश के इस बयान के बाद ही वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले जदयू में भगदड़ मच जाएगा।
नीतीश ने अपने इस बयान से कई निशाने साधे हैं। राजद को स्पष्ट हिदायत दे दी गयी है कि वर्ष 2025 तक चूं तक नहीं करो। वर्ष 2025 में खुद जीतकर तेजस्वी सीएम का ताज पहने। इसतरह मोजूदा कार्यकाल खुद नीतीश बतौर सीएम संभालेंगे। अगले 4 वर्ष तक राजद नीतीश की अगुवाई वाली सरकार का डिफेंडर बना रहे। तब तक राजद नीतीश के लिए सेफ्टी वाल्व का काम करेगा।
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