बिहार में नीतीश की सारी रणनीति लड़खड़ाई। Nitish strategies fractured not only in Kudhani but in all Bihar
पटना। न्यूज़। (विद्रोही)। गुजरात, हिमाचल प्रदेश व कुछ विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट आने से देश का माहौल आज चुनावमय है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह रिजल्ट परेशान करने वाला है। भाजपा का साथ छोड़ वह आठ दलों के समर्थन से महागठबंधन की सरकार बनाये थे पर यह समीकरण नीतीश को फलदायी साबित नहीं हो रहा है। आज कुढ़नी के परिणाम से यह तय हो गया है कि आगे आने वाला चुनाव भी नीतीश को झटका दे सकता है। मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत कुढ़नी में जदयू ने सारी ताकत झोंक दी थी। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर तेजस्वी यादव के साथ चुनाव प्रचार में उतरे पर भाजपा ने उन्हें पटकनी दे दी। अब सवाल यह उठता है कि ऐसा ही रिजल्ट जनता देगी तो अगले लोकसभा चुनाव में भी नीतीश के मंसूबे पर पानी फिर जाएगा। राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि जो अपने बिहार में आठ दलों के बलबूते एक सीट जीत नहीं सकता वह देश मे पीएम पद का चेहरा कैसे बन सकता है।
चर्चा यह भी है कि राजद के वोटबैंक ने नीतीश के उम्मीदवार के लिए न खुलकर प्रचार किया और न ही वोट दिया। लिहाज जदयू को शंका है कि अगले चुनाव में भी राजद समर्थक उसे झटका दे सकते हैं। यदि ऐसा ही समीकरण रहा तो जदयू अगले विधानसभा चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव से भी कम सीटें प्राप्त कर सकता है। जदयू को पिछले विधानसभा चुनाव में 43 सीटें मिली थी।
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