नीतीश व भाजपा की जीत-हार बयां करेगा कुढ़नी का मैदान। It's fight of Nitish between BJP in Kudhani battle field.
पटना। न्यूज़। भाजपा को आउट करने के बाद तेजस्वी की टीम के साथ चुनाव मैदान में उतरे नीतीश कुमार के लिए कुढ़नी उपचुनाव काफी निर्णायक साबित होने वाला है। सही मायने में जीत-हार दोनों का सेहरा नीतीश के सिर बंधेगा। जीत गए तो नीतीश बादशाह की तरह महागठबंधन की सरकार दौड़ाएंगे और हार गए तो तेजस्वी को सहेंगे। साथ ही महागठबंधन के जबरदस्त दबाव उनपर पड़ेगा। उधर भाजपा लुकारी भांजना शुरू कर देगी। नीतीश कुमार का नींद चैन उड़ा देगी।
यदि कुढ़नी उपचुनाव में भाजपा जीत जाती है तो उसे अगले लोकसभा चुनाव लड़ने में बड़ा बल मिल जाएगा। भाजपा को भरोसा हो जाएगा कि वह महागठबंधन को पटखनी दे सकती है। महागठबंधन के सात दल कुढ़नी में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ खम ठोके हैं। मुकाबला काफी रोचक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 दिसंबर को तेजस्वी यादव के साथ चुनाव प्रचार किया। भाजपा से खार खाये पूर्व मंत्री मुकेश साहनी ने भी भाजपा को हराने के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। साहनी ने ऐसा उम्मीदवार दिया है जो भाजपा का वोट काटे। लेकिन साहनी वोट खींच लिया तो उल्टे महागठबंधन को भारी पड़ जायेगा। इस बीच भाजपा के लिए अनुकूल परिस्थितियां यह है कि पिछली बार उसके उम्मीदवार एक हजार से भी कम वोट से हारे थे। लेकिन यही उम्मीदवार वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार को बड़े फासले से हरा दिए थे। इसलिए कुढ़नी का दूरगामी परिणाम बिहार की राजनीति पर पड़ेगा। 5 दिसंबर को चुनाव है और 8 दिसंबर को रिजल्ट सामने आ जायेगा।
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