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Showing posts from April, 2021

बिहार सरकार की माने तो कोरोना रोगी को मिलेगी दामाद जैसी ट्रीटमेंट पर सुविधा मिलने से पहले निकल न जाये जनाजा। Bihar government only dream plan for vividh patient

 पटना। न्यूज़। कोविड ने पूरे देश को चोटिल कर दिया है। जब मौका था तो एनडीए सरकार प्रदेशों में सरकार गठन में जुटी रही। चुनावी सभाएं की। सभाओं के लिए आलीशान लोहे के मंडप बनवाये। लेकिन धीरे धीरे कोरोना ने रौद्र रूप दिखाया तो सरकार ने दांत बीदोर दिए। बिहार सरकार ने आज कोरोना पीड़ितों के लिए भावी योजना बनाई है। इस योजना के तहत पीड़ित को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, विस्तर, कमरे सारी सुविधाएं दी जाएगी। यदि पीड़ित मर जाये तो उसकी अंतिम यात्रा की व्यवस्था भी सरकार करेगी। लेकिन फिलहाल/मौजूद समय के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। बेड नहीं मिल रहे हैं। भर्ती के लिए अस्पतालों के दरवाजे बंद हैं। जो परिस्थितियां दिख रही हैं सुविधा के अभाव में सैकड़ों दम तोड़ देंगे। अलबत्ता चुनावी वादे की तरह सपने दिखा दिए गए हैं। आलम यह है कि प्राइवेट संस्थानों ने RTPCR जांच बंद कर दिया है। मतलब साफ है पॉजिटिव की संख्या कम हो जाएगी। अस्पतालों में भर्ती नहीं किये जायेंगे। दवा दुकानों व निजी अस्पताल जमकर लूट रहे हैं। साधारण व्यक्ति एक्सरे तक नहीं करा सकता। सुरक्षा जांच लैब उन्हीं रोगियों का एक्सरे कर रहा है जो नेगेटिव है। यानी साधार

रेमेडिसिवर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नकारा, बिहार सरकार ने दूर रहने की दी हिदायत। Remdesivir neglected by WHO. Other injection in pipeline

 पटना। न्यूज़। कोरोना इलाज के नाम पर कमाई करने वाले दलालों के लिए बुरी खबर है। इन दिनों कोविड इलाज के लिए रेमेडिसिवर इंजेक्शन के लिए मारामारी हो रही है। इंजेक्शन के लिए कालाबाजारी भी हो रही है। पूरा मार्किट घूम जाइयेगा इंजेक्शन नहीं मिलेगा। अस्पतालों में यही हाल है। डॉक्टर इंजेक्शन के लिए पर्चे थमा देते हैं पर पूरा बाजार घूमने के बाद इंजेक्शन नहीं मिलता। इस बीच रसूखदार मुंहमांगी कीमत देकर इंजेक्शन की व्यवस्था कर लेते हैं। इसी बीच बिहार सरकार के हवाले से बड़ी खबर आई है। राजधानी के सबसे बड़े कोविड अस्पताल NMCH ने एक आदेश जारी कर लोगों को रेमेडिसिवर से दूर रहने की सलाह दी है। बिहार के सभी डॉक्टरों को इंजेक्शन नहीं लिखने की सलाह दी गयी है। आदेश की कॉपी में यह भी कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन who ने इस रेमेडिसिवर को नकार दिया है। माना जा रहा है कि इलाज के लिए चर्चित अन्य इंजेक्शन के लिए भी आतिशीघ्र ही ऐसा ही आदेश जारी किया जाएगा।

लॉक डाउन को लेकर नीतीश व भाजपा के बीच तकरार। Nitish rejected the BJP plea on covid-19

 पटना । न्यूज़। कोरोना की भयंकर त्रासदी से नीतीश सरकार नहीं चेती है। एक वर्ष बीतने के बाद भी कोरोना खतरे में क्या जरूरत पड़ सकती है इसका तनिक भी ध्यान नहीं रख गया। कोरोना पीड़ितों के लिये बेड की संख्या नहीं बढ़ाई गई। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हुई। प्रबंधन एक तरह से फेल साबित हुआ है। इधर प्रदेश में लॉक डाउन लगाने को लेकर जदयू और भाजपा बंट गयी है। नीतीश ने भाजपा की सलाह को ठुकरा दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल  ने सर्वदलीय बैठक में शुक्रवार सायं 6 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक लॉक डाउन लगाने का सुझाव दिया था, किन्तु नीतीश ने भाजपा की राय को ठुकरा कर लॉक डाउन लगाने से मना कर दिया। नीतीश ने रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने की इजाजत दी है। अब भाजपा ने रात्रि कर्फ्यू पर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि उन्हें यह समझ मे नहीं आ रहा है कि आखिर रात्रि कर्फ्यू लगाने से कोरोना का संक्रमण कैसे रुकेगा।

कोरोना से मृत की एक बार मुंह जरूर देखें। मृतक जिंदा भी हो सकता है।Declared dead is alive in PMCH

 पटना। न्यूज़। चुनाव बंगाल में हो रहा है पर कोरोना को लेकर बिहार में खेला हो रहा है।  पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच अस्पताल में आज विचित्र व आश्चर्यजनक घटना हुई। पीएमसीएच ने बाढ़ निवासी चुनु कुमार को कोरोना से मृत घोषित कर दिया। उसका डेथ सर्टिफिकेट बनाकर चुनु की पत्नी कविता देवी को दे दिया।चूंकि कोरोना से मृत व्यक्ति के शव को पूरी तरह वस्त्र या पॉलीथिन में लपेट दिया जाता है। इसलिए उस वक्त पता नहीं चला कि मृतक चुनु कुमार है या अन्य। आज 11 बजे दिन में चुनु की मौत की घटना पीएमसीएच ने बताई और कहा कि सीधे इन्हें शमशान घाट ले जाना है। अस्पताल की हिदायत के बाद चुनु कुमार के शव को बांसघाट विद्युत शव दाह गृह लाया गया। जब चुनु को जलाने के लिए मशीन पर ले जाया जा रहा था तब चुनु की पत्नी कविता देवी ने शव का मुंह देखने की जिद कर दी। आरोप के मुताबिक शव का मुंह देखने के लिए 150 दिया गया तो शव का मुंह दिखाया। मुंह देखते ही कविता देवी सन्न राह गयी। शव किसी अन्य का था। बाद में कविता के परिवार वालों ने शव लेने माना कर दिया और सीधे पीएमसीएच पहुंचे। वहां चुनु कुमार को जीवित पाया। अब एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ मात

नीतीश के राज में ये करणी सेना का कैसा तांडव। पीडितों को न्याय दिलाने के नाम पर 'मधुबनी' पर कब्जा। Karni Sena kidnapped Bihar modesty in Nitish era

 पटना। न्यूज़। राजपूत करणी सेना ने एक तरह से बिहार पर कब्जा कर लिया है। मुग़ल काल में सामंत किसी प्रदेश पर चढ़ाई कर देते थे। ये सब नीतीश राज में हो रहा है। 9 अप्रैल को राजपूत करणी सेना मधुबनी कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बिहार आयी। पटना में आकर इसके अध्यक्ष ने प्रो. नवल किशोर यादव की जीभ खींचने की धमकी दी। उसके बाद सेना का कारवां मधुबनी के लिए रवाना हो गया। यहां पत्रकारों से बातचीत में करणी सेना के नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद पहुंचाने की बात की पर मधुबनी जाकर धावा बोल दिया। एक आक्रमणकारी की तरह मधुबनी कांड के आरोपियों के गांव में कहर ढाया। निर्दोष लोग के घर जलाए। उनका मकसद पीड़ित परिवार का आंसू पोछना नहीं बल्कि प्रदेश की नीतीश सरकार को जलील करना था। नीतीश के शासन पर सीधा आक्रमण था। नीतीश सरकार ने मधुबनी कांड के आरोपियों पर कारवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्य आरोपी प्रवीण झा गिरफ्तार भी हो गया है। प्रवीण झा के साथ 13 राजपूतों पर भी एफआईआर हुई है। कई जेल में बंद किये गए। पीड़ित परिवार के बयान पर सभी वर्ग के आरोपी गुरफ्तार किये गए हैं। पीड़ित परिवार के बयान के मुताबिक इ

बिहार में हर मोड़ पर दुर्जनों का तांडव, लोग बचा रहे अपनी प्रतिष्ठा। corruption in all front.

  पटना। न्यूज़। देश सही मायने में नए दौर से गुजर रहा है। बेईमानी बढ़ रही है। लोगों को लूटने, मारने काटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सज्जनता, शिष्टता, कृतज्ञता और आंखों से लाज खत्म होते जा रही है। कोई कितना भी सज्जन क्यों न हो यदि किसी विभाग की गलतियों को सार्वजनिक करेगा तो उसकी सारी सज्जनता दुर्जन एक साथ मिलकर खत्म कर देंगे। हो सकता है दुर्जनों की तादाद उस सज्जन को ही चोर साबित कर दे। चौक चौराहे व सारे विभाग की यही दशा है। जहां आपने भ्रष्ट तंत्र पर उंगली उठाई आपकी पिटाई शुरू हो जाएगी। आप सही हैं पर  पीटते हुए देखकर भी जनता बचाने नहीं आएगी। दर्शक बन तमाशा देखेगी।मतलब साफ है। भरोसा टूट गया है। प्रसाशन बिना पैसे के आपके लिए एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाएगा। दुर्जन पैसे के बल पर नंगा नाच करेगा। मधुबनी की घटना हो या कटिहार में व्यवसायी की हत्या का मामला , अपराधियों के मन से खौफ चला गया है। क्योंकि पैसे पर सरकार बिक रही है। अपराधी जानते हैं पैसा फेंको तमाशा देखो। हर विभाग में बैठे दुर्जन खुलेआम चुनौती देते हैं कि शिकायत से कुछ नहीं होता है। नेता को माँ बहन की गली देकर चुनौती दिया जाता है। यानी कि निरंकु

देश मे नेता उठा रहे पांच-पांच पेंशन , बेरोजगारों को पेट पालने का टेंशन। Leaders draw 5 pension but no care for poor!

  पटना। न्यूज़। विद्रोही। देश के नेता बढ़ती बेरोजगारी पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं। लाखों रोजगर देने के वादे करते हैं पर पांच- पांच पेंशन उठाने से परहेज नहीं करते। किसी को एक भी रोजगार नहीं और किसी को पांच पेंशन। देश में आर्थिक तंगी का हवाला दिया जा रहा है पर ये नेता लोग पांच पांच पेंशन उठाकर देश के बेरोजगारों का मजाक बना रहे हैं। यहां नेता से मतलब उन चुने हुए प्रतिनिधियों से है जो लोक सभा पहुंचते हैं। राज्यसभा पहुंचते हैं। विधानसभा पहुंचते हैं। विधान परिषद पहुंचते हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त पेंशन उठाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा पेंशन उठाते हैं। मसलन बिहार में कुछ नेता जेपी सेनानी का 10 हजार पेंशन भी उठाते हैं। तकनीकी रूप से यदि कोई नेता विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा व राज्यसभा पहुंच जाता है तो उसे इन चारों सदन में पहुंचने पर चार पेंशन मिलने लगेगा। बिहार में कई ऐसे नेता हैं जिन्हें ये चारों पेंशन के अलावा जेपी पेंशन भी मिलती है। यदि सभी के नाम उजागर कर दिए जाएं तो तितकी लग जायेगी। हम यहां यह नहीं बताएंगे कि कौन कौन नेता पांच पांच पेंशन उठा रहे हैं। हम यह जरूर बताएंगे कि ये नेता पांच पें