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Showing posts from March, 2021

केवल रावण को ही नहीँ, कश्यप कुल की होलिका को भी जलाया जाता है। जानिए पुरी कहानी Devil Holika too burnt

  पटना। न्यूज़। विद्रोही। भारत एक ऐसा देश है जहां अच्छाईयों के लिए फूल बरसाए जाते हैं और बुरे विचार वालों को आग लगाकर प्रतीकात्मक रूप से दहन कर दिया जाता है चाहे वह कितना ही विद्वान क्यों न हो। लेकिन इस कलयुग में कई नेता बलात्कारी व हत्या के लिए जेल काट रहे हैं पर उनका पुतला हर वर्ष नहीं जलाया जाता। यूपी से भाजपा के विधायक रहे सेंगर  और बिहार से  विधायक रहे राजबल्लभ यादव दोनों बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए जेल में बंद है। इनका अपराध रावण से भी कई गुना बड़ा है। पर रावण का पुतला हर वर्ष जलाया जाता है। रावण जैसा विद्वान इस धरती पर नहीं हुआ। ये शास्त्र कहते हैं पर घमंड और अपने विचार के कारण रावण की गिनती दैत्य में की जाती है। एक विद्वान होते हुए उसने सीता का अपहरण किया । उसके कुत्सित कृत्य के लिये दशहरा के अवसर पर उसका पुतला जलाया जाता है। उसी तरह क्षत्रिय कुल की होलिका हर वर्ष जलती जाती है। हिरणकश्यप या हिरणकाह्यपु भी तपी था, किन्तु उसे इस बात की घमंड थी कि वह सबसे वीर व्यक्ति है। उसकी बात नहीं मानने पर वह पूरे गांव में कहर ढहाता था। वह हत्यारा था। यहां तक कि वह अपने पुत्र प्रह्लाद का शत

लोजपा नए स्वरूप की तलाश में।पार्टी से बिछड़े नेता भी घर वापसी करेंगे.LJP giving new look to party.

 पटना। न्यूज़। बिहार विधनसभा चुनाव के समय से ही उथल पुथल के दौर से गुजर रही लोजपा अब नए स्वरूप की तलाश में है। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ठोक पीटकर पार्टी को नया रूप देने में लगे हैं। जो पार्टी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं उन्हें तुरंत नोटिस भेज स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा जा रहा है। हाल ही में पार्टी के एकमात्र विधायक राज कुमार सिंह ने जदयू उम्मीदवार महेश्वर हजारी को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने के लिए पक्ष में खड़ा हो गए। चिराग ने तुरंत नोटिस थमा दिया। बाद में राजकुमार सिंह उत्तर दिया कि दुविधा में यह सब हुआ।  चिराग संतुष्ट हुए। ताजा मामले में लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक के हवाले से नोटिस जारी किया गया है।बीते दिनो जो प्रत्याशीयों ने बैठक में शिरकत नहीं की थी उन्हें अब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पिछले दिनों पार्टी की बैठक में 135 प्रत्याशी बुलवाए गए थे जिसमें 14 प्रत्याशी नहीं आए थे। अन्य 6 प्रत्याशी जो नहीं आ पाये थे उनका नाम इस सूची में नहीं है क्यों की उन लोगों ने पहले ही नहीं आ पाने का कारण बता दिया था।इससे पहले पार्टी ने अपने विधायक राज कुमार सिंह को भी कारण बताओ नोटिस

All schools of Bihar will remain open. No need of covid-19 fear here.

Patna. News.  Chief Minister Nitish Kumar held a high-level review meeting related to Kovid-19 through video conferencing at a well-known conferencae on 1 Anne Marg at his residence today.  In the meeting, Principal Secretary, Health Department, Pratyay Amrit informed about the latest status of corona infection in the state during the presentation related to Kovid-19.  He said that till March 19, 2021, a total of 23,058,747 investigations have been done.  In Bihar, 1,80,570 investigations are being conducted per 10 lakh population.  The total positive cases are 2,63,355 while the total number of active cases is 436.  The average recovery rate at the national level is 96.26 percent, while the state has an average recovery rate of 99.24 percent.  The average death rate at the national level is 1.38 percent while the state's average death rate is 0.59 percent.  At the national level, the average of the daily test positivity rate is 3.2 percent while that of the state is 0.1 percent. 

भाजपा में अंदरूनी कलह। अपने ही मंत्री विधानसभा अध्यक्ष से उलझे। Historic episode in Bihar Assembly

 पटना। न्यूज़। विद्रोही। बिहार विधानसभा में आज भाजपा के दो नेता आपस में भीड़ गए। ये दोनों महज केवल नेता व विधायक ही नहीं हैं, बल्कि इनमें एक पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी है तो दूसरे विधानसभा में सर्वोच्च आसन पर बैठने वाले विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा हैं। बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष के प्रति विवादित टिप्पणी कर दी। हुआ यूं कि भाजपा सदस्य विनय विहारी के प्रश्न का जवाब पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी दे रहे थे। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि अब तक 16 प्रश्नों में 14 प्रश्नों का ऑनलाइन जवाब दिया जा चुका है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 14 नहीं 11 ही जवाब ऑनलाइन आया है। यह जवाब सुनकर सम्राट चौधरी ने सीधे अध्यक्ष को कहा कि व्याकुल मत होईए। सम्राट ने एक दो बार व्याकुल शब्द दोहराया। व्याकुल शब्द सुनते ही अध्यक्ष किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दिए। इस बीच भाजपा के संकट मोचक सक्रिय हो गए। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक जनक सिंह विधानसभा अध्यक्ष और सीएम कक्ष तक दौड़ने लगे

भाजपा के बढ़ते ग्राफ ने उपेंद्र को जदयू में खींच लाया। Third position forces Nitish to drag Upendra in his fold

  पटना। विद्रोही।न्यूज़। बिहार की आज की बड़ी खबर में उपेंद्र कुशवाहा जदयू के हो गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा का जदयू में विलय होना प्रदेश में नई राजनीति की पटकथा लिख रहा है। हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आने के टिस ने नीतीश को नया कदम उठाने को बाध्य किया। नीतीश कुमार को एहसास हो गया है कि यदि पार्टी के जनाधार को नहीं बढ़ाया गया तो जदयू के ग्राफ और नीचे आ जायेगा। साथ ही भाजपा से बड़े भाई बनने की स्पर्धा भी जदयू को विलय एपिसोड के लिए प्रेरित की।  नीतीश के इस विलय प्रकरण को हरी झंडी देने से राजनीतिक जगत में कई संदेश गए हैं। पहला कि नीतीश प्रदेश में बड़े भाई की भूमिका के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में लव- कुश समीकरण से जदयू को फायदा पहुंच सकता है। दूसरा, राजनीतिक गलियारे में चर्चा रहती है कि नीतीश एक बार किसी से नाराज हो जाये तो उसे जल्द माफ नहीं करते। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा से फिर से हांथ मिलाकर नीतीश ने पुराना मिथक तोड़ने का काम किया है। नीतीश कुमार पर यह भी उलाहना लगता है कि वह अपने बलबूते चुनाव नहीं लड़ सकते। लोजपा ने उन्हें अकेले चुनाव लड़ने की खुला चुनौ

बारी बारी अपने ही मंत्रियों से हो रही नीतीश की किरकिरी। Nitish on backfoot !

  पटना। न्यूज़। सोलह नवम्बर 2020 को जबसे नीतीश सरकार गठित हुई है किसी न किसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की किरकिरी होती रही है । चूंकि सरकार के मुखिया खुद नीतीशे कुमार हैं तो उन्हे घटक दल भाजपा, वीआईपी और हम के नेताओं को भी संभालना पड़ रहा है। इस बार संख्याबल इतना कम है कि नीतीश कुमार किसी अहम मुद्दे पर भी कराह कर रह जा रहे हैं। मुखर नहीं हो रहे हैं। पहली मुसीबत तो उनके विधायक मेवालाल चौधरी की तरफ से खड़ी हुई। मामला इतना तूल पकड़ा कि उन्हें मंत्री पद से हटाना पड़ा। इस तरह प्रथमे ग्रासे मक्षिका पातं के तर्ज पर नीतीश सरकार ने शपथ ग्रहण किया। अभी ताजा विवाद भूमि व राजस्व सुधार मंत्री रामसूरत राय को लेकर हो रहा है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के मुताबिक रामसूरत राय के भाई की जमीन पर शराब बरामद हुई और इसके लिए राम सूरत राय के भाई समेत 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इस मामले को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सदन में  उठाया । आज विधानसभा में इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। जाहिर है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर दुखी हैं। हालांकि रामसूरत राय ने पूरे मामले पर यह कहकर पल्ल

फिर गिरिराज के बयान से सब परेशान। नीतीश ने भी गिरिराज के बयान को दुत्कारा। Nitish unhappy on Giriraj statment

 पटना। न्यूज़। पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी एपिसोड के बाद नीतीश कुमार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अधिकारियों की पिटाई संबंधी बयान से ठेस पहुंची है। नीतीश ने साफ कहा कि पिटाई संबंधी बयान न्यायोचित है क्या? उधर भाजपा ने भी गिरिराज के बयान से तौबा किया है। ज्ञात हो कि कल बेगूसराय में आयोजित कार्यकर्म में  गिरिराज सिंह ने कहा कि जब अधिकारी सही से काम नहीं करे तो उसे  पिटाई करनी चाहिए। गिरिराज के इस बयान पर भाजपा ने भी पल्ला झाड़ लिया है। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पिटाई संबंधी बयान के बारे में गिरिराज से ही पूछिये। 

पशुपालन मंत्री मुकेश को पूरा विपक्ष घेरा, नीतीश भी मंत्री के कृत्य से आश्चर्यचकित । NDA minister makes mockery of bihar government

 पटना। न्यूज़। बिहार में पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी ने लालू राज के 15 वर्षों के शासन को पीछे छोड़ते हुए एनडीए सरकार पर कालिख पोतने का काम कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस तरह के कार्य को आश्चर्यचकित करने वाला कृत्य करार देते हुए पूरे मामले की जानकारी एकत्रित करने का भरोसा दिया है। विधानसभा में आज राजद सदस्य भाई वीरेंद्र ने पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश साहनी का मामला उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि की हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन मुकेश साहनी के बदले उनके भाई ने किया है जो घोर आपत्तिजनक है । उन्होंने ऐसे मंत्री को बर्खास्त करने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में अखबारों में छपी खबर को दिखाया गया। सीएम नीतीश कुमार ने कहा ऐसी जानकरी उन्हें नहीं है पर यदि ऐसी घटना हुई है तो घोर आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि मामले को खुद पता करते हैं। ज्ञात हो कि मुकेश साहनी के कारण सरकार को काफी किरकिरी हो रही है। विधानपरिषद में एक बार मुकेश साहनी ने प्रश्न कुछ था उत्तर किसी और प्रश्न का दे दिया।