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Showing posts from February, 2021

शिक्षा और भिक्षा पर बिहार बजट का खास जोर। Bihar Budget focuses on education and borrowing

 पटना। न्यूज़। बिहार सरकार इस बार नई पीढ़ी का भविष्य सुधारने पर खास ध्यान देने जा रही है। कोरोना काल में जहां हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है वहीं नीतीश सरकार ने आज सदन में पेश बजट में शिक्षा के लिए दिल खोलकर बजट राशि का प्रावधान किया है।   बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह- वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि यह बजट बिहार को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। किसी भी राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं का स्किल्ड होना जरूरी है। बिहार के युवाओं का कौशल बढ़े, उनकी उद्यमिता को बढ़ावा मिले, इसके लिए वर्तमान बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।       उन्होंने कहा कि बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं नव उद्यमी को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। आज के बजट में नए उद्योग लगाने वाले युवाओं को  5 लाख रुपया तक का अनुदान देने तथा महज 1% की ब्याज दर पर 5 लाख रुपया का ऋण देने की घोषणा की गई है। अगले 5 वर्षों में 20 लाख रोजगार सृजन के हमारे संकल्प को पूर्ण करने में ये घोषणाएं एवं प्रावधान काफी अहम

कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लेने बाद डॉक्टर हुए कोरोना संक्रमित।Doctor infected even after taking first din of vaxin

 पटना। न्यूज़। कोरोना का खतरा धीमा जरूर पड़ा है पर खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने से पहले आईजीआईएमएस मेडिकल सुपरिटेंडेंट के ओहदा वाले डॉ.कृष्ण गोपाल कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जबकि जनकारी के मुताबिक वह एक दिन पहले हास्पिटल मैनेजमेंट कमिटी की  बैठक में भी  शामिल हुए थे।

भाजपा से निकाले गए नेता फिर घर वापसी के फिराक में। Ramnaresh Chaurasiya left hut.

 पटना। न्यूज़। हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के करीब 4 दर्जन से अधिक नेताओं नर बागी बनकर पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उस समय सभी बागी नेताओं को स्व. रामविलास पासवान की बनायी 'झोपड़ी' में शरण मिला। इस झोपड़ी में रहकर भाजपा से निकाले गए नेताओं ने चुनाव लड़ा, किन्तु हारने के बाद पस्त ये नेता फिर भाजपा में ठौर देख रहे हैं। लोजपा को महतो जी का दालान समझकर गए कई नेता नया ठौर खोज रहे हैं। रामेश्वर चौरसिया को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। चौरसिया ने लोजपा का दामन थामकर नोखा से चुनाव लड़ा पर हार गए। आज चौरसिया ने लोजपा से यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि वह पार्टी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। समझा जाता है कि चौरसिया के तर्ज पर लोजपा गए कई नेता अपने घर वापसी की तैयारी में है। लेकिन इन सब की वापसी बिना नीतीश कुमार की सहमति से संभव नहीं दिखाई दे रहा है। यदि ऐसे नेता भाजपा में शामिल हो गए तो भाजपा व जदयू के रिश्ते में खटास आ सकते हैं। भाजपा फिलहाल नीतीश से बैर करने की सोच नहीं सकती। किसान आंदोलन के कारण भाजपा बैकफुट पर है।

लालू, अनंत व आशाराम बापू सभी अस्पताल की शरण में।Lalu, Anant and Asharam resting in hospital

 पटना। न्यूज़। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कई संगीन अपराधों से घिरे अनंत सिंह और नाबालिग से बलात्कार मामले के दोषी आशाराम बापू तीनों अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले दिनों ये सभी अपने अपने हिस्से की जेल की सजा काट रहे थे, किन्तु अचानक तीनों की तबियत बिगड़ने के कारण इन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सबसे पहले जनवरी महीने में लालू प्रसाद यादव की तबियत खराब हुई। ये चारा घोटाला व आईआरसीटीसी होटल घोटाले मामले में रांची के होटवार जेल में बंद रहे। बाद में इन्हें रांची के रिम्स में शिफ्ट किया गया। ज्ञात हो कि रिम्स से ही लालू ने भाजपा विधायक को सेट करने के लिए फोन किया था। रिम्स में अचानक लालू की तबियत खराब हिने की सूचना अखबारों में छपी। इसके बाद इन्हें एम्स दिल्ली में इलाज के लिए भेज दिया गया। हाल ही में बाहुबली विधायक अनंत सिंह की तबियत अचानक खराब हो गयी। इनके करीबी तुरंत इन्हें पटना के बेउर जेल से पीएमसीएच भर्ती कराए। अनंत सिंह पर एके 47 रखने समेत कई आपराधिक मामले हैं। सरकार एक समय इनके खिलाफ मोर्चा खोल दी थी, किन्तु अब सरकार का गुस्सा फुस्स है।  तीसरा मामला कभी संत रहे आशाराम बापू का है। ज

बिहार में गुजरात के ठेकेदार, झाबुआ के मजदूर।कैसे मिलेगा बिहारियों को 19 लाख रोजगार।Gujrat tycoon is everywhere. On sky to Bihar land

  पटना। न्यूज़।( विद्रोही)। गुजरात समेत अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार देने में बिहार काफी उदारता दिखा रहा है जबकि देश मे सबसे अधिक बेरोजगारी बिहार में है। बिहार में इन दिनों राजधानी की गलियों व मुहल्लों में ड्रेनेज /सीवरेज/नाला बनाने का काम चल रहा है। कई मुहल्ले में इन कार्यों का ठेका गुजरात के पटेल ठेकेदार को मिला है। ये ठेकेदार मध्यप्रदेश से मजदूर को ट्रैक्टर पर बिठाकर ला रहे हैं। झाबुआ के मजदूर गढ़े खोद रहे हैं। पाइप बिछा रहे हैं। https://youtu.be/T5WGHI1n7SA ज्ञात हो कि बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 19 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वादा किया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा किया था। सबसे पहले तेजस्वी ने ही नौकरी के एजेंडे को अपने चुनाव प्रचार में शामिल किया। यह मुद्दा इतना हावी हुआ कि बाध्य होकर प्रदेश में नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए ने 19 लाख रोजगार का वादा किया। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 19 लाख रोजगार के अवसर देने का वादा किया। जनता ने भाजपा के वादे में भरोसा किया। भाजपा का तकियाकलाम भी है कि भाजपा है तो भरोसा है। अब देखना है कि भाजपा

बिहार सरकार ने कहा,एक दो मामले को लेकर पूरे बिहार को बदनाम नहीं किया ज सकता Bihar government clarified on corona test issue.

 पटना। न्यूज़। कोरोना जांच में धांधली के मामले सामने आने के बाद नीतीश सरकार ने तावड़ तोड़ करवाई शुरू कर दी है। इधर आज स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने स्वीकार किया किया  कुछ गड़बड़ियां सामने आई है और इसके लिए दोषी कर्मचारियों पर कारवाई भी की गयी है। जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि बिहार एक बड़ा प्रदेश है। यहां चिकित्सकों ने बहुत अच्छा काम किया है। एक दो मामले को लेकर पूरे बिहार पर तोहमत नहीं लगाया जा सकता है। प्रेस कांफ्रेंस में विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी व एमडी प्रदीप कुमार झा ने भी बारीकी से मामले पर प्रकाश डाला।  https://youtu.be/lQjvRWOXyxI

जानिए सच्चाई। बिहार में उच्च जातियों की संख्या कितनी है। Know the actual number of upper Castes in Bihar

  पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार में उच्च जातियों की संख्या को लेकर हमेशा भ्रांति रहती है। इस भ्रांति के कारण चुनाव में राजनीतिक दलों को समीकरण बिठाने में परेशानी आती है और उनपर उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने का आरोप भी लगता है। यहां उच्च जातियों के बारे में  सही रिपोर्ट रखी जा रही है। इस रिपोर्ट की व्यापक चर्चा नहीं हुई है, जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज डीके त्रिवेदी की अध्यक्षता वाले उच्च जाति आयोग ने यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आई है जब बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 40 लाख थी। रिपोर्ट के मुताबिक 10 करोड़ 40 लाख में 1 करोड़ 56 लाख आबादी ब्राह्मण राजपूत, भूमिहार व कायस्थ की है। मुस्लिमों में उच्च जाति शेख , सैय्यद और पठान की संख्या 62 लाख है। इस तरह बिहार में उच्च जातियों की संख्या करीब 20 फीसदी है। उच्च जाति हिंदुओ में ब्राह्मणों की संख्या सर्वाधिक 35 फीसदी है। भूमिहार 20 प्रतिशत हैं। राजपूत भी करीब 35 प्रतिशत हैं जबकि कायस्थों की संख्या 10 फीसदी है। आद्री द्वारा तैयार रिपोर्ट में सारे तथ्य रखे गए हैं। कोई मनगढंत बातें नहीं हैं। अब तक जातीय आंकड़ों के लिए

'खड़ाऊं' छोड़कर दिल्ली जा सकते हैं नीतीश! Nitish may prefer prestigious post in Delhi

  पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार में मंत्रिपरिषद विस्तार का हिमालयी टास्क पूरा करने के बाद दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है। इसके पहले वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं। समझ जाता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार जदयू शामिल हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले नीतीश कुमार 'खड़ाऊं' पटना छोड़कर दिल्ली जा सकते हैं। इसके लिए दिल्ली में अभी से तैयारी शुरू हो गयी है। माना जा रहा है कि जिस तरह हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के खिलाफ वातावरण कायम हुआ यदि अगले लोकसभा चुनाव तक बिहार में नीतीश रहे तो एनडीए का तंबू उड़ सकता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी हो रही है। नीतीश के खड़ाऊं कौन होंगे यह भी आने वाले समय में पता चल जाएगा। वैसी स्थिति में भाजपा की भूमिका में अहम हो सकती है।

नीतीश गए दिल्ली, तो फिर होगा मंत्रिमंडल विस्तार! Nitish leaves for Delhi . Meets Amit Shah

पटना। न्यूज़। विद्रोही।  फिर कुछ गड़बड़ झाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक दिल्ली चले गए हैं। समझा जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। इसके पहले वह दिल्ली पहुंचकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर लिए। केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी विस्तार होना है। इस मसले पर भी उनकी बातचीत भाजपा के शीर्ष नेताओं से हो रही है। बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार तो गया है पर भाजपा और जदयू दोनो तरफ आग सुलगी है। सहयोगी दल भी चिंगारी दहकाने के फिराक में हैं। सूत्रों के अनुसार असंतोष को देखते हुए शीघ्र ही एक और मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। फिलहाल 31 मंत्री बन चुके हैं और कुल 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं। समझा जाता है कि नीतीश कुमार दिल्ली में इलाजरत लालू यादव से भी मुलाकात कर सकते हैं। इधर आज नव नियुक्त मंत्रियों ने दनादन कार्यभार संभालना शुरू कर दिया। इस बीच एक रोचक प्रसंग यह हुआ कि भाजपा कोटे से मंत्री बने जनक राम जब कार्यभार संभालने के लिए दफ्तर पहुंचे तो उनकी अगुवानी में कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचे। अंत में मंत्री जी अपने चपरासी से स्वागत कराए और गुलदस्ता लेकर घर आ गए। यह मामला इतना तूल पकड़ा कि बाद

मंत्रिमंडल विस्तार की साइड स्टोरी। नीतीश के आगे भूपेंद्र की नहीं चली।Nitish is gainer,BJP on face saving!

पटना। न्यूज़।( विद्रोही)। भाजपा और जदयू की चली ढाई महीने की खींचतान के बाद आज  मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया पर अंततः बाजी नीतीश के ही हांथ रही। कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा के पास 21 विभाग रहे जबकि जदयू के पास 20 विभाग। आज के विस्तार के बाद अब तक भाजपा के कुल 16 मंत्री हो चुके हैं जबकि जदयू के 13 मंत्री बने हैं। एनडीए के घटक दल हम और वीआईपी से 1-1 मंत्री हैं। यहां हांथी के दांत दिखाने के लिए भाजपा के पास 16 मंत्री तो हो गए हैं पर बिहार को रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल करने वाले सारे ताकतवर विभाग नीतीश कुमार के पास ही है। सामान्य प्रसाशन को लेकर भाजपा और जदयू में तकरार चल रहा था। बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव अंतिम समय तक भाजपा के हांथ बाजी आने के लिए प्रयास किये पर नीतीश ने अपने पाशे में भाजपा को उलझा दिया।  मंत्रिमंडल विस्तार में अतिथियों में भूपेंद्र यादव नजर नहीं आये जबकि सीट बंटवारे से लेकर मंत्रिमंडल गठन में वह सूत्रधार रहे हैं। जनता तय करे की 74   सीटें लेकर भाजपा शह देने की स्थिति में है या 45 सीटों वाला जदयू मात देने की स्थिति में है। उधर बीजेपी  विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने व

देखिए बिहार में कौन बन रहे नए मंत्री और किनका पत्ता साफ। Nitish cabinet expansion at 12.30pm on Tuesday

  पटना । न्यूज़। आखिरकार मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार का शुभमुहूर्त निकल गया है। 9 फरवरी को साढ़े बारह बजे राज्यपाल फागु चौहान नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। भाजपा कोटे से नए मंत्रियों में  शाहनवाज हुसैन,नितिन नवीन, सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा, जनक राम शपथ ले सकते हैं। जदयू कोटे से श्रवण कुमार, संजय झा, महेश्वर हजारी को मंत्री बनाये जाने की चर्चा है। चर्चा है कि नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार, रामनरायण मंडल का पत्ता साफ कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक कल केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पीएम नरेंद्र मोदी का विशेष संदेश दिल्ली से लाये थे। इस संदेश को रविशंकर प्रसाद ने नीतीश को दिया जिसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता खुला। <

मिलिए चंद्रशेखर से, हजारों कोविड टेस्ट किये पर खुद निगेटिव रहे। Meet Chandrashekhar who never gets positive while living with thousands positive covid-19 patients

  पटना। न्यूज़। (विद्रोही)। देश में डेढ़ लाख से अधिक लोग कोरोना या कोविड-19 से अब तक मर चुके हैं और यह सिलसिला करीब एक साल बीत जाने के बाद भी जारी है। किंतु इस दुखद गिनती के बीच एक सुखद बिंदु यह भी है कि एक सख्त हजारों कोरोना रोगियों के बीच रहा। पिछले 10 महीनों में घर-घर जाकर हजारों लोगों की जांच किया। इनमें करीब 5 हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव निकले पर वह सख्त कभी कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ। बिहार के उस लैब असिस्टेंट का नाम चंद्रशेखर कुमार है।                  चंद्रशेखर कुमार। फोटो कॉपी राइट चंद्रशेखर का कहना है कि जांच के लिए वह सुबह ही घर से निकल जाते थे। एक दिन में कभी कभी 20-25 लोगों का जांच करना पड़ता था। ये सारे वीआईपी हैं। आईएएस, आईपीएस व वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। चंद्रशेखर बताते हैं कि कभी कभी जांच के दौरान उन्हें जलील होना पड़ता था। मेरे जाते ही ऐसे बर्ताव होता जैसे मैं अछूत हूं। सोफा पर सफेद चादर बिछा दिया जाता था। दूरी मेंटेन की जाती थी, जबकि उनलोगों से हमें संक्रमण होने का डर था।  वे लोग खुद पॉजिटिव निकल जाते। वैसे हजारों पॉजिटिव का स्वैअब निकाला पर खुशनसीब रहा कि खुद पॉजिटिव नही

तो फोकट में जान ले ली इंडिगो मैनेजर रूपेश की: नहीं पच रही पुलिस की थ्योरी। Rupesh killed in road rage, police revealed the story!

  पटना । न्यूज़ । चर्चित इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड का खुलासा पटना पुलिस ने तो कर दी है पर पुलिस की थ्योरी पर सबको एकबार भरोसा नहीं हो रहा है। यहां तक कि भाजपा सांसद विवेक ठाकुर का भी कहना है कि इस तरह का खुलासा चौकानेवाला है। अब किसी को भरोसा हो या न हो मीडिया के सामने कातिल ऋतुराज ने रूपेश के सीने में गोली उतारने की बात स्वीकार कर ली है। ऐसे में पटना पुलिस और मौजूदा एसएसपी के नाम उपलब्धि तो जुट ही जाएगी। जैसे यूपी में अपराधी की गाड़ी खुद पलट जाती है। जानता हंसे तो हँसे पुलिस अपने सिर उपलब्धि का सेहरा बांध ही लेती है। आज की एक रोचक घटना में पीएम नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी को भी परेशान करने से यूपी पुलिस नहीं चुकी। प्रह्लाद मोदी को यूपी में धरने पर बैठना पड़ा। जब मालूम पड़ा कि ये तो नरेंद्र मोदी के भाई हैं तो योगी सरकार के कान खड़े हुए। खैर, यहां मामला बिहार का है। देखिए। बिहार में एक मोटरसाइकिल चोर को कितना गुस्सा रहता है। जिस हत्यारे ऋतुराज ने रूपेश सिंह की हत्या की वह मोटरसाइकिल चोर है। चूंकि रोड पर रूपेश की गाड़ी व ऋतुराज की मोटरसाइकिल टकराते टकराते बची इसलिए रूप

पंजाब ने दिखा दिया एकजुटता का प्रमाण। बिहार में नहीं टिक पाता किसान आंदोलन! Panjab showed unity on farmers movement

  पटना। न्यूज़।( विद्रोही)। देश के अन्य राज्यों को पंजाब से सीख लेनी चाहिए। पंजाब ने एकजुटता का प्रमाण दे दिया। वहां के लोग अपने कौम की खातिर किस कदर एकजुट रहते हैं इसका ताजा प्रमाण पंजाब ने पेश कर दिया है। बिहार या अन्य हिंदी भाषी राज्यों में ऐसी एकजुटता की कमी दिखती है। इसके पीछे एकमात्र वजह है जातिवादी सोच। जातिवाद से ग्रस्त होने के कारण यहां के लोगों में फूट डालना आसान होता है। यदि बिहार या यूपी में किसान आंदोलन होता तो  किसान आंदोलन को ब्राह्मण, राजपूत,भूमिहार, यादव, कुर्मी, कोयरी, पासवान आंदोलन का धब्बा लगाकर तोड़ दिया जाता। पंजाब में तो सत्तापक्ष का साथ छोड़कर अकाली दल के नेता सड़क पर उतर आए। बिहार में नीतीश कुमार ने विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग उठाई थी। यह मांग खूब जोड़ पकड़ी थी पर सभी दलों से इस इस मुहिम को समर्थन नहीं मिला। या कबीए जिस तरह पंजाब के किसान सड़कों पर उतरे हैं उस तरह का जुनून बिहार में नहीं छाया। अब तो खुद नीतीश कुमार इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिये। क्या पंजाब के किसानों की मांग से बिहार की मांग कमजोर थी। क्या विशेष दर्जे की मांग बिहार का हक नहीं था। जिस तर