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Showing posts from 2021

पीएम के जन्मदिन पर सहयोगी बोले नमो नमो। All partners are chanting namo namo

  पटना। न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आज नीतीश समेत सभी सहयोगी दल नमो नमो कर रहे हैं। यही है भाजपा का प्रबंधन जिसके बदौलत पार्टी केंद्र में दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है। भाजपा ने आज अपनी एक योजना से सब पर जादू कर दिया है। भाजपा की योजना व प्रबंधन समस्त विपक्ष पर भारी पड़ रहा है। विपक्ष जब भी फारवर्ड होता है भाजपा का प्रबंधन उसे पीछे धकेल देता है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्रैंड जन्म दिन मनाकर पार्टी के अंदर व बाहर एकजुटता का संदेश दे दिया है। भाजपा के सहयोगी दलों ने भी पीएम का जन्मदिन मनाया है। इधर बिहार में भाजपा व जदयू के बीच खासकर नीतीश के तनातनी की चर्चा हो रही थी। नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना करने को लेकर तेजस्वी को साथ लेकर पीएमओ पहुंच गए थे। भाजपा ने इसे नए समीकरण के रूप में देखा। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी नीतीश की राय भाजपा से अलग है। आने वाले दिनों में एनआरसी का मामला भी उठेगा। ऐसे में भाजपा के थिंक टैंक ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन मनाने का अनूठा कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम ने भाजपा के सहयोगी दलों को राग भी बदल दिया

पूर्व सीएम स्व.डॉ जगन्नाथ मिश्र की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा

पटना। न्यूज़। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ . जगन्नाथ मिश्र की द्वितीय पुण्यतिथि पर बिहार आर्थिक अध्ययन संस्थान एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष के संयुक्त तत्वाधान में संस्थापक अध्यक्ष को बिहार आर्थिक अध्ययन संस्थान के सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस अवसर पर स्व . डॉ . जगन्नाथ मिश्र जी के बिहार के विकास के प्रति समर्पण और मानवीय संवेदना के साथ जनसेवा के संकल्प का जिक्र करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी । उन्होंने कहा कि स्व . डॉ . मिश्र आजीवन बिहार के विकास के लिए समर्पित रहे । मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के विभिन्न इकाईयों द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों में भी इनकी द्वितीय पुण्यतिथि मनाई गयीं । पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस अवसर पर स्व . डॉ . जगन्नाथ मिश्र के पांच दशकों के सार्वजनिक जीवन को समर्पित वेबसाईट www.jagannathmishra.in का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह वेबसाईट स्व . डॉ . मिश्र के जीवन के बहुआयामी व्यक्तित्व का एक संकलन है जिससे आने वा

ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष! Lalan Singh to be a National President of JDU

 पटना/ नई दिल्ली।  जदयू में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ताजपोशी पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में होने जा रही है। नाम तय हो गया है। बस, राष्टीय कार्यकारिणी में ललन सिंह के नाम की घोषणा बाकी है। जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की दावेदारी पीछे हो गयी। सूत्रों के मुताबिक उपेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी जाएगी।

नमो नमो कीजिये व चैन की नींद सोइये! Or prepare for raid. IT raids on Dainik Bhaskar.

  पटना/ नई दिल्ली। यहां नमो से मतलब किसी व्यक्ति से नहीं है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है। जिस तरह शिव की वंदना में नमो शिवाय कहा जाता है वैसा ही अभिप्राय इस खबर में नमो से है। बड़ी खबर यह है कि देश के सबसे बड़े हिंदी समाचार पत्र समूह दैनिक भाष्कर के कई कार्यालयों व इसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारे गए हैं। यूपी में भी भारत समाचार के दफ्तर पर छापा मारा गया है। यहां बृजेश मिश्र एडिटर इन चीफ हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार दैनिक भास्कर के जयपुर, भोपाल व अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है। बहरहाल अबतक जो समाचार पत्र खबर बनाया करता है वह खुद आज समाचार की सुर्खियों में आ गया है। तीन स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर भी छापे मारने की सूचना है। सरकार की तरफ से यह सूचना मिल रही है कि दैनिक भास्कर ने टैक्स की चोरी की है। अनियमितता के कारण छापेमारी चल रही है। दूसरी वजह यह दी जा रही है कि दैनिक भास्कर ने इस कोरोना काल में केंद्र सरकार की कलई खोल दी है। सरकार की नाकामियां उजागर कर उसके नाक में दम कर दिया है। भास्कर ने निर्भीक होकर सत्य को सामने लाया। इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी है

नीतीश के बयान पर उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को कड़ा एतराज, कहा महिलाएं नहीं पुरुषों को शिक्षित करने की जरूरत।BJP leader counters Nitish.

  पटना। न्यूज़। देश मे छिड़ी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने को लेकर बहस के बीच भाजपा व सहयोगी दलों के संबंधों में दरारें पड़ने के संकेत मिलने लगे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून की दलीलें पर असहमति जाहिर करते साफ कह दिया कि इसके लिए महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। महिलाओं को जागरूक करने संबंधी नीतीश के बयान को भाजपा की वरिष्ठ नेता व प्रदेश की उपमुख्यमंत्री रेणुदेवी ने एक सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने नीतीश को दो टूक शब्दों में सुना दिया कि महिलाओं को नहीं, पुरुषों को जागरूक करना होगा तब जनसंख्या पर नियंत्रण हो सकता है। लिहाजा अब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर महिला बनाम पुरुष की लड़ाई  की तरफ मोड़ दिया गया है।

इस भ्रष्टतंत्र में भोग रहे दबंग, लात खा रही बिचारी जनता। People being crushed in faulty system.

 पटना। न्यूज़। (विद्रोही)। मौजूदा हालात में सबसे अधिक  राजनेता, पूंजीपति और दबंग लोग ही चांदी काट रहे हैं और सबसे अधिक मार आम जनता पर पड़ रही है। इस कोरोना के दौर में सबके रोजगार पर असर पड़ा। लाखों बेरोजगार हो गए पर चुने प्रतिनिधि नेताओं पर कोई असर नहीं पड़ा। पेंशन और वेतन उठाते रहे। हॉस्पीटल और और दवा के कारोबारियों की खूब चांदी कटी और आम जनता इलाज कराते कराते लूट गई।  बिहार में समाज कल्याण मंत्री इसलिए इस्तीफा दे दिए कि उनके मन मुताबिक अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं हुआ। ट्रांसफर पोस्टिंग में करोड़ो का खेल चलता रहा है। जो अधिकारी लाखों खर्च कर मनचाहा पोस्टिंग लेते हैं वे अंत मे जनता को ही लूटते है। थानेदार झूठे केस में लोग को फंसाकर अपनी पोस्टिंग की एवज में खर्च रुपये को वसूल करता है। जब लखीं खर्च कर अधिकारी पोस्टिंग पाएंगे तो फिर वह नेता या मंत्री को कैसे सुनेगा।  किसी भी डिस्ट्रीक्ट में डीएम की नियुक्ति स्थानीय एमपी या विधायक के सिफारिश पर होती है। ऐसी स्थिति में डीएम या एसपी अपने आका एमपी व विधायक की सुनते हैं चाहे जनता लाख शिकायत करती रहे। कोई अपवाद हो सकता है पर पूरे बिहार या हिंदी बेल्

कहीं बिहार की खिचड़ी दिल्ली में तो नहीं पक रही। Bihar politics is on in Delhi

 पटना। न्यूज़। विद्रोही। बिहार की राजनीति में कुछ उलटफेर की गंध आने लगी है। दिल्ली में राजनीतिक खिचड़ी पकने के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही दिल्ली में अपनी आंख का इलाज करा रहे हैं। अब उनके मित्र जीतन राम मांझी भी इलाज के लिए दिल्ली चले गए हैं। उधर केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की भी तैयारी चल रही है। लोजपा के घायल नेता भी दिल्ली में ही हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस तरह दिल्ली फिलहाल बिहार राजनीति का अड्डा बना है। इसी बीच तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार टूटने की भविष्यवाणी कर दी है। कुल मिलाकर बिहार की राजनीति को लेकर अंदर ही अंदर कुछ खिचड़ी पक रही है। इसी बीच आज प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई। दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं में इस तरह जोश भरा जैसे चुनाव में बिगुल फूंका जाता है। नड्डा ने बिहार के अपने नेताओं को नया टास्क दिया है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने 6 जुलाई से मंडल स्तर पर कमर कसने की योजना बना ली । साथ ही भाजपा ने आने राजनीतिक प्रस्ताव के जरिये कह दिया कि समान नागरिक संहिता आज समय क

लोजपा के फायदे नुकसान को लेकर बीजेपी ने किया आंतरिक सर्वे। BJP gathered internal survey of LJP tragedy

 पटना। न्यूज़। विद्रोही। लोजपा यानी स्व. रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई लोक जनशक्ति पार्टी का बिखराव पूरा देश देख रहा है। लेकिन इस बिखराव के बाद बिहार की जनता चिराग पासवान के साथ है या उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ। इस सवाल का जवाब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जानना चाहती है। जवाब के बाद भाजपा एक्शन में आएगी। बिहार की जनता की राय जानने की जिम्मेवारी पार्टी के खास नेताओं को दी गयी। इनमें कुछ की पहुंच सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। पत्रकारों से भी राय ली गयी। भाजपा का यह आंतरिक सर्वे पार्टी के शीर्ष नेताओं के  पास दिल्ली पहुंच गया। माना जा रहा है कि आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट पर ही पीएम बिहार मामले पर अहम निर्णय लेंगे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के सर्वे में स्पष्ट राय है कि लोजपा के उपजे ताजा हालात के बाद बिहार की जनता चिराग पासवान का साथ देगी। खासकर पासवान बिरादरी खुलकर चिराग के साथ है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा नेतृत्व ने चिराग मसले पर चर्चा की है। साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जदयू के पक्ष मालूम किया गया है। सूत्र बताते हैं कि च

चिराग के पीठ में चाकू मार रहे उनके सगे संबंधी और पार्टी के हालात का ठीकरा फोड़ रहे सौरव पर! Chirag relatives and JDU behind LJP faction but Saurav is dragged

 पटना। न्यूज़। लोजपा की टूट कहानी के पीछे कौन है, कौन जिम्मेवार है इसे पूरा देश जान गया है पर चिराग के पीठ में छुरा मारने वाले अपना दोष छिपाने के लिए सौरव पांडेय पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। क्या चिराग नौसिखिए हैं कि सौरव पांडेय की बातें मान लेंगे। क्या चिराग में अपनी सोच नहीं है। क्या चिराग ने खुद बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर लड़ने का निर्णय नहीं किया था। चिराग ने तो अपने पिता स्व. रामविलास पासवान के रहते राजनीति शुरु कर दी थी। तो क्या रामविलास से अधिक धाक सौरव का हो गया था। क्या सौरव के कहने पर चिराग जमुई से चुनाव जीते ? वास्तविकता है कि चिराग में इतनी क्षमता है कि वह खुद निर्णय ले सके। चिराग सारे निर्णय खुद लेते हैं। चूंकि चिराग के चाचा जानते है कि सीधे भतीजा पर दोष गढ़ेंगे तो परिवार आहत होगा इसलिए सारा ठिकरा सौरभ पर फोड़ दिया जाए।  समाज में खुद कुरीतियां फैलाने वाले लोग जिस तरह ब्राह्मण पर ठिकरा फोड़ देते हैं उसी तरह चिराग के पीठ में छुरा भोंककर सौरव पर निशाना साधा जा रहा है। चिराग के करीबी का कहना है कि स्वर्गीय राम विलास पासवान के सलाह पर पारस के जगह प्रिंस को प्रदेश अध्यक्ष बनाया

सूरजभान की चली।पारस बने लोजपा के अलग धरा के अध्यक्ष। Bihar people will decide the original LJP.

 पटना। न्यूज़। राजनीति गुड्डे गुड़िया का खेल हो गयी है। लोजपा का दो फाड़ तो हो ही गया था अब सूरजभान के इशारे पर पशुपति पारस को नया अध्यक्ष चुन लिया गया। उधर लोजपा के एक ग्रुप का अध्यक्ष चिराग पासवान हैं। यानी एक लोजपा के दो अध्यक्ष हो गए हैं। ये सब बंदरबांट केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह लेने के लिए हो रहा है। जाहिर है यदि पारस मंत्री बनेंगे तो मलाई सूरजभान अधिक खयेंगे। पारस को आगे करने में सूरजभान की महती भूमिका है। पारस तो  बस मुखौटा हैं असली किरदार तो सूरजभान हैं।  चूंकि सूरजभान दबंग नेता है। पूर्व में उनके ऊपर कई आपराधिक केस चल चुका है। सबमें बरी हुए। ऐसे में पारस गुट ने डराने के लिए सूरजभान को आगे कर दिया। सूरजभान के आवास पर ही पशुपति पारस को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया। चिराग कहते हैं वह सिद्धान्त की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें दबंग व बाहुबली नेता पसंद नहीं है। अब जनता जनार्दन तय करेगी कि असली नकली कौन है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि  जात की राजनीति खुलकर हो रही है। पारस गुट में भूमिहार का बोलबाला है जबकि पार्टी की मूल राजनीति पासवान पर टिकी है। दरअसल भाजपा के एक खास वोटबैंक पर सेंध मा

चुनाव में असली औकात पता चलेगा चिराग और पारस की।Next Election will prove the strength of Chirag and Paras

 पटना। न्यूज़। विद्रोही। लोजपा का जारी अंदरूनी संग्राम  का फैसला अब जनता ही करेगी। तत्काल लोजपा की लड़ाई कोर्ट में उलझ जाएगी। इसलिए वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के महाभारत का इंतजार कीजिये। इसके पहले चिराग और पारस गुट की लड़ाई सड़क पर आ जायेगी। भाजपा इसलिए मध्यस्तता नहीं करना चाहती क्योंकि उसे डर है कि नीतीश कुमार नाराज हो जाएंगे। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद  नीतीश कुमार समेत सहयोगी दलों के हौसले बुलंद है। भाजपा फिलहाल दिल्ली की कुर्सी के लिए सबकुछ बर्दास्त करेगी। भाजपा को भी अब कुर्सी का मोह लग गया है। यह पार्टी वसूलों से समझौता नहीं करने का दावा करती थी किन्तु CAA समेत कई मुद्दों को बिहार में उठाने से डरती है। बहरहाल जदयू और भाजपा दोनों लोजपा की लड़ाई मकुं रहकर देख रहे हैं। ऐसा न हो कि इस लड़ाई को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार से किसी मंत्री को ही न बनाया जाए। कल पशुपति पारस गुट ने बैठक बुलाई है और इस बैठक में उनके तरफ से नए अध्यक्ष के एलान हो जाएगा। इसके पहले चिराग गट की तरफ से चिराग को ही पार्टी का अध्यक्ष माना गया है। चिराग ने राजू तिवारी को पार्टी का प्

लोजपा में टूट के बाद भी चिराग की नहीं बुझेगी लौ। Now Chirag's Agnipariksha starts

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार में लोजपा की बड़ी टूट के साथ ही यहां खेला शुरू हो गया है। चिराग पासवान के अपने सगों ने पार्टी के पांच सांसदों के साथ चिराग को अलग थलग कर दिया। इस परिस्थिति के लिए खुद चिराग पासवान,  उनके खास चाचा पशुपति कुमार पारस और नीतीश कुमार सूत्रधार हैं। जब तक  किसी नेता की छवि जनता के दरवाजे पर खाक छानने की नहीं होगी वह अपनी जाति की राजनीति नहीं कर सकता है। रामविलास पासवान ने जमीन तैयार की थी। उसकी कमाई उनके दोनों भाई पशुपति कुमार पारस व रामचन्द्र पासवान खा रहे थे। रामविलास के निधन के बाद इन्हें ढोने वाला कोई नहीं है। जो संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए बिहार की राजनीति में अभी रामविलास पासवान का ही नाम बिकेगा। पासवान वोट रामविलास के कारण चिराग के साथ ही हैं। ये बात अलग है कि पारस केंद्र में मंत्री बन जाएंगे। किन्तु किसी भी चुनाव में  चिराग जहां रंहेंगे पासवान का वोट उन्ही की तरफ जाएगा। यही कारण है कि कांग्रेस ,वामदल  व राजद के नेताओं ने चिराग को अपने साथ आने का निमंत्रण दिया है।  वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही लोजपा में टूट की नींव पड़ गयी थी। चुनाव

छपरा वासी संतोष वॉशर मैन से आर्मी में ऑफिसर बना। Santosh of Chhapra becomes Army officer from Housekeeper, safai wallah.

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। यदि दिल में जज्बा हो तो मुकाम हासिल होकर रहता है, बशर्ते कोई सही मार्गदर्शक मिल जाये। ऐसी ही एक प्रेरक सच्ची कहानी है संतोष कुमार राय की। संतोष बिहार के छपरा ( सारण) के रहनेवाले हैं। जैसा कि हर बिहारी में नौकरी पाने की ललक होती है। इन्होंने आर्मी में वाशरमैन ( धोबी)  लिए आवेदन दे दिया। वर्ष 2014 में आर्मी में इनकी नियुक्ति वॉशर मैन के पद पर हो गई। संतोष की पहली पोस्टिंग कश्मीर में हुई। संतोष को आर्टिलरी यूनिट मिला। सूत्रों के मुताबिक उनदिनों इस यूनिट के कमान ऑफिसर  प्रवीण कुमार हुआ थे। इसी बीच संतोष कमांडिंग ऑफिसर प्रवीण कुमार की नजर में आये। कर्नल प्रवीण ने संतोष का साक्षात्कार भी लिया। इसी दौरान कर्नल प्रवीण को पता चला कि संतोष वाणिज्य विषय में ग्रेजुएट है। साथ ही संतोष की एकेडमिक रिकॉर्ड भी अच्छा है। इसके बाद प्रवीण संतोष को गाइड करने लगे। हाल ही में संतोष आर्मी में लेफ्टिनेंट ऑफिसर बन गए हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग राजस्थान में हुई है। ये गया ओटीए से पास आउट हैं। इनके माता पिता प्रयाग राज में रहते हैं। आर्मी के बड़े अफसर प्रवीण कुमार की सराहना चारों ओर हो रह

तो यूपी में चुनाव के पहले योगी छोड़ेंगे कुर्सी। जाएंगे केंद्र में! BJP will change the guard of UP before election

 पटना/ नई दिल्ली। द न्यूज़ ( विद्रोही)। पश्चिम बंगाल से जनता का लठ देखते हुए भाजपा आने वाले समय मे बड़ी उलटफेर करने जा रही है। उत्तरप्रदेश से इसकी शुरुआत होने जा रही है। भाजपा सियासत के ताजा अंदाज को देखते हुए यह अनुमान लगाया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विदाई तय है। चूंकि योगी के हटने के साथ उनका वोटबैंक भी जुड़ा रहे इसलिए उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेवारी दी जा सकती है। यूपी के हालिया पंचायत चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई थी। यह भी तर्क दिया जा रहा कि यूपी का पूर्वी व पश्चमी दो हिस्सों में विभाजन होने से सामाजिक समीकरण बदल जायेगा। ऐसे में भाजपा को फायदा हो सकता है। इसके लिए भी योगी से केंद्र विचार विमर्श कर रहा है। सूत्रों के अनुसार उत्तरप्रदेश में भाजपा ने सर्वे कराया था। सर्वे में पता चला कि चुनाव में योगी के रहते भाजपा की नैया डूबना तय है। प्रदेश में हर तबका योगी से नाराज है। गोरखपुर के राजपूत को छोड़कर पूरे प्रदेश के ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्त, यादव, लोध, कुर्मी, कुशवाहा, निषाद, दलित समेत अनेक उपजातियां योगी के शासन से नाराज हैं। सर्वे में कहा गया कि पश्चि

बिहार में एक दिन में बदल गए कोरोना से मौत के आंकड़े। कोरोना से 9375 लोग बिहार में मरे।9375 died of covid-19 in Bihar

 पटना। न्यूज़ ( विद्रोही)। बिहार में 7 जून तक कोरोना से मौत के आंकड़े 5424 था, किन्तु 24 घंटे बाद यानी 8 जून 2021  को यह आंकड़ा 9375 हो गया। राज्य सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आज आधिकारिक तौर पर बताया कि बिहार में कोरोना से अब तक 9375 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा प्रथम फेज और द्वितीय फेज मिलाकर है। हालांकि राज्य के हित में एक बड़ी खबर यह है कि कोरोना से पॉजिटिव होने के बाद जो लोग निगेटिव हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गयी तो ऐसे लोगों को भी सरकार 4 लाख का  मुआवजा देगी। ऐसे मृतक लोगों की काफी संख्या है जो निगेटिव होकर घर या अस्पताल में मर गए। उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड से निधन दर्ज नहीं रहता है। लेकिन बिहार सरकार ने मृतक के परिजनों को बड़ी राहत देते हुए एलान किया कि वैसे लोग जो कोरोना पॉजिटिव होने केबाद निगेटिव हो गए और उनकी मृत्यु किसी वजह से हो गयी तो उनके परिजनों को चार लाख का मुआवजा मिलेगा। मौत के आंकड़े में अचानक बढ़ोतरी का एक कारण यह भी है। निगेटिव वाले मृतकों को शामिल किया गया है। राज्य सरकार ने जिलावार कोविड से मृतकों की सूची दी है। बिहार मे

तो मांझी डगमगाएँगे एनडीए की नाव! Manjhi cautions NDA boat

 पटना। न्यूज़। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जबसे जेल से रिहाई हुई है बिहार में राजनीति के सुर भी बदलने लगे हैं। मांझी ने एक अलग राग छेड़ दिया है। जहां भाजपा के सभी नेता नमो नमो कर रहे हैं वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व एनडीए के पार्टनर जीतन राम मांझी ने एक तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नई हवा दे दी है। ट्वीट तो ट्रेलर है। इसके पीछे बड़ी राजनीति है। मांझी ने ट्वीट कर कहा कि वैक्सीन के प्रमाणपत्र में पीएम के स्थान पर राष्ट्रपति का फोटो होना चाहिए। मांझी के इस बयान के काफी गुढ़ मायने हैं। हो सकता है मांझी के अंदर की चाहत पूरी नहीं हो रही हो। लेकिन सीधे नमो पर अटैक एक बड़ी राजनीति का संकेत दे रहा है। बिहार में 10 विधायकों के हेरफेर से बड़ा खेला हो सकता है।

मुर्दों की बस्ती में अस्पतालों का अट्हास। पारस की पीड़ित महिला मरी। state of dead!

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। आखिर वही हुआ जो होना था। पारस अस्पताल में पीड़ित महिला ने दम तोड़ दिया। उसके साथ बलात्कार हुआ या नहीं, छेड़ छाड़ हुई या नहीं सारे तथ्यों को जनता उसकी जुबानी नहीं सुन सकी। पीड़ित महिला की बेटी को उम्मीद थी कि उसकी माँ ठीक होकर आपबीती सुनाएगी। तो क्या खेल खत्म। या नए अंदाज में शुरू होगा। क्या जान गवां चुकी महिला की बेटी अस्पताल के खिलाफ एफआईआर कराएगी। क्या नीतीश सरकार को यह सब नहीं दिख रहा है, जबकि मृत महिला कल्याण बिगहा की रहनेवाली थी। यह नीतीश कुमार का पैतृक गांव है। आखिर जब तक एफआईआर या शिकायत दर्ज नहीं होगी तो अस्पताल के खिलाफ कारवाई कैसे होगी। क्या लड़की के साथ कोई डीलिंग हुई है।  फिलहाल लड़की अकेले है। पटना के बांस घाट पर पर मृत माता के साथ विलाप कर रही है। बिहार में कई तरह की राजनीति चल रही है। जायज नाजायज पर ध्यान न देकर यह देखा जा रहा है कि कहीं उसे फायदा न हो जाये। अपने हित लाभ को देखकर तेजस्वी ने पप्पू यादव से दूरियां बढ़ा  ली। राजद को भय हो गया कि उसके वोट बैंक में सेंध लग जायेगा। सरकार भी यही चाह रही थी। विपक्ष की आवाज बंट गयी। अब देखिए पारस मामले में ऊंट

तो पारस हॉस्पीटल में कोरोना पीड़ित महिला की आवाज का गला घोंट दिया गया। victim voice managed to keep mum

 पटना। न्यूज़। ( विद्रोही)। पटना के पारस अस्पताल में 17 अप्रैल को एक कोरोना पीड़ित महिला की अश्मिता से खेलने का मामला तेजी से वायरल हुआ था। खुद पीड़ित महिला की बेटी ने अपनी माता का वीडियो बनाकर सर्वजनिक किया था। किन्तु आज 18 अप्रैल उस मामले में अचानक नरमी आ गयी। पीड़ित महिला की बेटी ने अब तक कोई शिकायत नहीं दर्ज की है। उसका कहना है कि फिलहाल उसकी माँ वेंटिलेटर पर है और वह ठीक होकर खुद  बयान देगी। समझ लीजिए पूरी तरह मामले को मैनेज कर लिया गया। जो अस्पताल की छवि है उसे देखते हुए अनुमान लगाया जाता है कि अब पीड़ित महिला का बचना ही मुश्किल है। तो फिर बयान आएगा ही नहीं। पीड़ित महिला की बेटी में भी उस रोशन की पत्नी की तरह आग नहीं है जिसने भागलपुर और पटना के राजेश्वर अस्पताल को कटघरे में खड़ा कर दी । हम चाहते हैं कि ईश्वर पारस अस्पताल के पीड़ित महिला को लंबी जिंदगी दे। इसी बीच पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जाप पार्टी की महिला विंग ने पारस अस्पताल पर धावा बोल दिया। जाप महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रानी चौबे ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने कहा

बिहार सरकार की माने तो कोरोना रोगी को मिलेगी दामाद जैसी ट्रीटमेंट पर सुविधा मिलने से पहले निकल न जाये जनाजा। Bihar government only dream plan for vividh patient

 पटना। न्यूज़। कोविड ने पूरे देश को चोटिल कर दिया है। जब मौका था तो एनडीए सरकार प्रदेशों में सरकार गठन में जुटी रही। चुनावी सभाएं की। सभाओं के लिए आलीशान लोहे के मंडप बनवाये। लेकिन धीरे धीरे कोरोना ने रौद्र रूप दिखाया तो सरकार ने दांत बीदोर दिए। बिहार सरकार ने आज कोरोना पीड़ितों के लिए भावी योजना बनाई है। इस योजना के तहत पीड़ित को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, विस्तर, कमरे सारी सुविधाएं दी जाएगी। यदि पीड़ित मर जाये तो उसकी अंतिम यात्रा की व्यवस्था भी सरकार करेगी। लेकिन फिलहाल/मौजूद समय के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। बेड नहीं मिल रहे हैं। भर्ती के लिए अस्पतालों के दरवाजे बंद हैं। जो परिस्थितियां दिख रही हैं सुविधा के अभाव में सैकड़ों दम तोड़ देंगे। अलबत्ता चुनावी वादे की तरह सपने दिखा दिए गए हैं। आलम यह है कि प्राइवेट संस्थानों ने RTPCR जांच बंद कर दिया है। मतलब साफ है पॉजिटिव की संख्या कम हो जाएगी। अस्पतालों में भर्ती नहीं किये जायेंगे। दवा दुकानों व निजी अस्पताल जमकर लूट रहे हैं। साधारण व्यक्ति एक्सरे तक नहीं करा सकता। सुरक्षा जांच लैब उन्हीं रोगियों का एक्सरे कर रहा है जो नेगेटिव है। यानी साधार

रेमेडिसिवर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नकारा, बिहार सरकार ने दूर रहने की दी हिदायत। Remdesivir neglected by WHO. Other injection in pipeline

 पटना। न्यूज़। कोरोना इलाज के नाम पर कमाई करने वाले दलालों के लिए बुरी खबर है। इन दिनों कोविड इलाज के लिए रेमेडिसिवर इंजेक्शन के लिए मारामारी हो रही है। इंजेक्शन के लिए कालाबाजारी भी हो रही है। पूरा मार्किट घूम जाइयेगा इंजेक्शन नहीं मिलेगा। अस्पतालों में यही हाल है। डॉक्टर इंजेक्शन के लिए पर्चे थमा देते हैं पर पूरा बाजार घूमने के बाद इंजेक्शन नहीं मिलता। इस बीच रसूखदार मुंहमांगी कीमत देकर इंजेक्शन की व्यवस्था कर लेते हैं। इसी बीच बिहार सरकार के हवाले से बड़ी खबर आई है। राजधानी के सबसे बड़े कोविड अस्पताल NMCH ने एक आदेश जारी कर लोगों को रेमेडिसिवर से दूर रहने की सलाह दी है। बिहार के सभी डॉक्टरों को इंजेक्शन नहीं लिखने की सलाह दी गयी है। आदेश की कॉपी में यह भी कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन who ने इस रेमेडिसिवर को नकार दिया है। माना जा रहा है कि इलाज के लिए चर्चित अन्य इंजेक्शन के लिए भी आतिशीघ्र ही ऐसा ही आदेश जारी किया जाएगा।

लॉक डाउन को लेकर नीतीश व भाजपा के बीच तकरार। Nitish rejected the BJP plea on covid-19

 पटना । न्यूज़। कोरोना की भयंकर त्रासदी से नीतीश सरकार नहीं चेती है। एक वर्ष बीतने के बाद भी कोरोना खतरे में क्या जरूरत पड़ सकती है इसका तनिक भी ध्यान नहीं रख गया। कोरोना पीड़ितों के लिये बेड की संख्या नहीं बढ़ाई गई। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हुई। प्रबंधन एक तरह से फेल साबित हुआ है। इधर प्रदेश में लॉक डाउन लगाने को लेकर जदयू और भाजपा बंट गयी है। नीतीश ने भाजपा की सलाह को ठुकरा दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल  ने सर्वदलीय बैठक में शुक्रवार सायं 6 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक लॉक डाउन लगाने का सुझाव दिया था, किन्तु नीतीश ने भाजपा की राय को ठुकरा कर लॉक डाउन लगाने से मना कर दिया। नीतीश ने रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने की इजाजत दी है। अब भाजपा ने रात्रि कर्फ्यू पर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि उन्हें यह समझ मे नहीं आ रहा है कि आखिर रात्रि कर्फ्यू लगाने से कोरोना का संक्रमण कैसे रुकेगा।

कोरोना से मृत की एक बार मुंह जरूर देखें। मृतक जिंदा भी हो सकता है।Declared dead is alive in PMCH

 पटना। न्यूज़। चुनाव बंगाल में हो रहा है पर कोरोना को लेकर बिहार में खेला हो रहा है।  पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच अस्पताल में आज विचित्र व आश्चर्यजनक घटना हुई। पीएमसीएच ने बाढ़ निवासी चुनु कुमार को कोरोना से मृत घोषित कर दिया। उसका डेथ सर्टिफिकेट बनाकर चुनु की पत्नी कविता देवी को दे दिया।चूंकि कोरोना से मृत व्यक्ति के शव को पूरी तरह वस्त्र या पॉलीथिन में लपेट दिया जाता है। इसलिए उस वक्त पता नहीं चला कि मृतक चुनु कुमार है या अन्य। आज 11 बजे दिन में चुनु की मौत की घटना पीएमसीएच ने बताई और कहा कि सीधे इन्हें शमशान घाट ले जाना है। अस्पताल की हिदायत के बाद चुनु कुमार के शव को बांसघाट विद्युत शव दाह गृह लाया गया। जब चुनु को जलाने के लिए मशीन पर ले जाया जा रहा था तब चुनु की पत्नी कविता देवी ने शव का मुंह देखने की जिद कर दी। आरोप के मुताबिक शव का मुंह देखने के लिए 150 दिया गया तो शव का मुंह दिखाया। मुंह देखते ही कविता देवी सन्न राह गयी। शव किसी अन्य का था। बाद में कविता के परिवार वालों ने शव लेने माना कर दिया और सीधे पीएमसीएच पहुंचे। वहां चुनु कुमार को जीवित पाया। अब एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ मात

नीतीश के राज में ये करणी सेना का कैसा तांडव। पीडितों को न्याय दिलाने के नाम पर 'मधुबनी' पर कब्जा। Karni Sena kidnapped Bihar modesty in Nitish era

 पटना। न्यूज़। राजपूत करणी सेना ने एक तरह से बिहार पर कब्जा कर लिया है। मुग़ल काल में सामंत किसी प्रदेश पर चढ़ाई कर देते थे। ये सब नीतीश राज में हो रहा है। 9 अप्रैल को राजपूत करणी सेना मधुबनी कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बिहार आयी। पटना में आकर इसके अध्यक्ष ने प्रो. नवल किशोर यादव की जीभ खींचने की धमकी दी। उसके बाद सेना का कारवां मधुबनी के लिए रवाना हो गया। यहां पत्रकारों से बातचीत में करणी सेना के नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद पहुंचाने की बात की पर मधुबनी जाकर धावा बोल दिया। एक आक्रमणकारी की तरह मधुबनी कांड के आरोपियों के गांव में कहर ढाया। निर्दोष लोग के घर जलाए। उनका मकसद पीड़ित परिवार का आंसू पोछना नहीं बल्कि प्रदेश की नीतीश सरकार को जलील करना था। नीतीश के शासन पर सीधा आक्रमण था। नीतीश सरकार ने मधुबनी कांड के आरोपियों पर कारवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्य आरोपी प्रवीण झा गिरफ्तार भी हो गया है। प्रवीण झा के साथ 13 राजपूतों पर भी एफआईआर हुई है। कई जेल में बंद किये गए। पीड़ित परिवार के बयान पर सभी वर्ग के आरोपी गुरफ्तार किये गए हैं। पीड़ित परिवार के बयान के मुताबिक इ

बिहार में हर मोड़ पर दुर्जनों का तांडव, लोग बचा रहे अपनी प्रतिष्ठा। corruption in all front.

  पटना। न्यूज़। देश सही मायने में नए दौर से गुजर रहा है। बेईमानी बढ़ रही है। लोगों को लूटने, मारने काटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सज्जनता, शिष्टता, कृतज्ञता और आंखों से लाज खत्म होते जा रही है। कोई कितना भी सज्जन क्यों न हो यदि किसी विभाग की गलतियों को सार्वजनिक करेगा तो उसकी सारी सज्जनता दुर्जन एक साथ मिलकर खत्म कर देंगे। हो सकता है दुर्जनों की तादाद उस सज्जन को ही चोर साबित कर दे। चौक चौराहे व सारे विभाग की यही दशा है। जहां आपने भ्रष्ट तंत्र पर उंगली उठाई आपकी पिटाई शुरू हो जाएगी। आप सही हैं पर  पीटते हुए देखकर भी जनता बचाने नहीं आएगी। दर्शक बन तमाशा देखेगी।मतलब साफ है। भरोसा टूट गया है। प्रसाशन बिना पैसे के आपके लिए एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाएगा। दुर्जन पैसे के बल पर नंगा नाच करेगा। मधुबनी की घटना हो या कटिहार में व्यवसायी की हत्या का मामला , अपराधियों के मन से खौफ चला गया है। क्योंकि पैसे पर सरकार बिक रही है। अपराधी जानते हैं पैसा फेंको तमाशा देखो। हर विभाग में बैठे दुर्जन खुलेआम चुनौती देते हैं कि शिकायत से कुछ नहीं होता है। नेता को माँ बहन की गली देकर चुनौती दिया जाता है। यानी कि निरंकु

देश मे नेता उठा रहे पांच-पांच पेंशन , बेरोजगारों को पेट पालने का टेंशन। Leaders draw 5 pension but no care for poor!

  पटना। न्यूज़। विद्रोही। देश के नेता बढ़ती बेरोजगारी पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं। लाखों रोजगर देने के वादे करते हैं पर पांच- पांच पेंशन उठाने से परहेज नहीं करते। किसी को एक भी रोजगार नहीं और किसी को पांच पेंशन। देश में आर्थिक तंगी का हवाला दिया जा रहा है पर ये नेता लोग पांच पांच पेंशन उठाकर देश के बेरोजगारों का मजाक बना रहे हैं। यहां नेता से मतलब उन चुने हुए प्रतिनिधियों से है जो लोक सभा पहुंचते हैं। राज्यसभा पहुंचते हैं। विधानसभा पहुंचते हैं। विधान परिषद पहुंचते हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त पेंशन उठाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा पेंशन उठाते हैं। मसलन बिहार में कुछ नेता जेपी सेनानी का 10 हजार पेंशन भी उठाते हैं। तकनीकी रूप से यदि कोई नेता विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा व राज्यसभा पहुंच जाता है तो उसे इन चारों सदन में पहुंचने पर चार पेंशन मिलने लगेगा। बिहार में कई ऐसे नेता हैं जिन्हें ये चारों पेंशन के अलावा जेपी पेंशन भी मिलती है। यदि सभी के नाम उजागर कर दिए जाएं तो तितकी लग जायेगी। हम यहां यह नहीं बताएंगे कि कौन कौन नेता पांच पांच पेंशन उठा रहे हैं। हम यह जरूर बताएंगे कि ये नेता पांच पें

केवल रावण को ही नहीँ, कश्यप कुल की होलिका को भी जलाया जाता है। जानिए पुरी कहानी Devil Holika too burnt

  पटना। न्यूज़। विद्रोही। भारत एक ऐसा देश है जहां अच्छाईयों के लिए फूल बरसाए जाते हैं और बुरे विचार वालों को आग लगाकर प्रतीकात्मक रूप से दहन कर दिया जाता है चाहे वह कितना ही विद्वान क्यों न हो। लेकिन इस कलयुग में कई नेता बलात्कारी व हत्या के लिए जेल काट रहे हैं पर उनका पुतला हर वर्ष नहीं जलाया जाता। यूपी से भाजपा के विधायक रहे सेंगर  और बिहार से  विधायक रहे राजबल्लभ यादव दोनों बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए जेल में बंद है। इनका अपराध रावण से भी कई गुना बड़ा है। पर रावण का पुतला हर वर्ष जलाया जाता है। रावण जैसा विद्वान इस धरती पर नहीं हुआ। ये शास्त्र कहते हैं पर घमंड और अपने विचार के कारण रावण की गिनती दैत्य में की जाती है। एक विद्वान होते हुए उसने सीता का अपहरण किया । उसके कुत्सित कृत्य के लिये दशहरा के अवसर पर उसका पुतला जलाया जाता है। उसी तरह क्षत्रिय कुल की होलिका हर वर्ष जलती जाती है। हिरणकश्यप या हिरणकाह्यपु भी तपी था, किन्तु उसे इस बात की घमंड थी कि वह सबसे वीर व्यक्ति है। उसकी बात नहीं मानने पर वह पूरे गांव में कहर ढहाता था। वह हत्यारा था। यहां तक कि वह अपने पुत्र प्रह्लाद का शत

लोजपा नए स्वरूप की तलाश में।पार्टी से बिछड़े नेता भी घर वापसी करेंगे.LJP giving new look to party.

 पटना। न्यूज़। बिहार विधनसभा चुनाव के समय से ही उथल पुथल के दौर से गुजर रही लोजपा अब नए स्वरूप की तलाश में है। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ठोक पीटकर पार्टी को नया रूप देने में लगे हैं। जो पार्टी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं उन्हें तुरंत नोटिस भेज स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा जा रहा है। हाल ही में पार्टी के एकमात्र विधायक राज कुमार सिंह ने जदयू उम्मीदवार महेश्वर हजारी को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने के लिए पक्ष में खड़ा हो गए। चिराग ने तुरंत नोटिस थमा दिया। बाद में राजकुमार सिंह उत्तर दिया कि दुविधा में यह सब हुआ।  चिराग संतुष्ट हुए। ताजा मामले में लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक के हवाले से नोटिस जारी किया गया है।बीते दिनो जो प्रत्याशीयों ने बैठक में शिरकत नहीं की थी उन्हें अब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पिछले दिनों पार्टी की बैठक में 135 प्रत्याशी बुलवाए गए थे जिसमें 14 प्रत्याशी नहीं आए थे। अन्य 6 प्रत्याशी जो नहीं आ पाये थे उनका नाम इस सूची में नहीं है क्यों की उन लोगों ने पहले ही नहीं आ पाने का कारण बता दिया था।इससे पहले पार्टी ने अपने विधायक राज कुमार सिंह को भी कारण बताओ नोटिस

All schools of Bihar will remain open. No need of covid-19 fear here.

Patna. News.  Chief Minister Nitish Kumar held a high-level review meeting related to Kovid-19 through video conferencing at a well-known conferencae on 1 Anne Marg at his residence today.  In the meeting, Principal Secretary, Health Department, Pratyay Amrit informed about the latest status of corona infection in the state during the presentation related to Kovid-19.  He said that till March 19, 2021, a total of 23,058,747 investigations have been done.  In Bihar, 1,80,570 investigations are being conducted per 10 lakh population.  The total positive cases are 2,63,355 while the total number of active cases is 436.  The average recovery rate at the national level is 96.26 percent, while the state has an average recovery rate of 99.24 percent.  The average death rate at the national level is 1.38 percent while the state's average death rate is 0.59 percent.  At the national level, the average of the daily test positivity rate is 3.2 percent while that of the state is 0.1 percent. 

भाजपा में अंदरूनी कलह। अपने ही मंत्री विधानसभा अध्यक्ष से उलझे। Historic episode in Bihar Assembly

 पटना। न्यूज़। विद्रोही। बिहार विधानसभा में आज भाजपा के दो नेता आपस में भीड़ गए। ये दोनों महज केवल नेता व विधायक ही नहीं हैं, बल्कि इनमें एक पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी है तो दूसरे विधानसभा में सर्वोच्च आसन पर बैठने वाले विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा हैं। बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष के प्रति विवादित टिप्पणी कर दी। हुआ यूं कि भाजपा सदस्य विनय विहारी के प्रश्न का जवाब पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी दे रहे थे। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि अब तक 16 प्रश्नों में 14 प्रश्नों का ऑनलाइन जवाब दिया जा चुका है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 14 नहीं 11 ही जवाब ऑनलाइन आया है। यह जवाब सुनकर सम्राट चौधरी ने सीधे अध्यक्ष को कहा कि व्याकुल मत होईए। सम्राट ने एक दो बार व्याकुल शब्द दोहराया। व्याकुल शब्द सुनते ही अध्यक्ष किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दिए। इस बीच भाजपा के संकट मोचक सक्रिय हो गए। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक जनक सिंह विधानसभा अध्यक्ष और सीएम कक्ष तक दौड़ने लगे

भाजपा के बढ़ते ग्राफ ने उपेंद्र को जदयू में खींच लाया। Third position forces Nitish to drag Upendra in his fold

  पटना। विद्रोही।न्यूज़। बिहार की आज की बड़ी खबर में उपेंद्र कुशवाहा जदयू के हो गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा का जदयू में विलय होना प्रदेश में नई राजनीति की पटकथा लिख रहा है। हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आने के टिस ने नीतीश को नया कदम उठाने को बाध्य किया। नीतीश कुमार को एहसास हो गया है कि यदि पार्टी के जनाधार को नहीं बढ़ाया गया तो जदयू के ग्राफ और नीचे आ जायेगा। साथ ही भाजपा से बड़े भाई बनने की स्पर्धा भी जदयू को विलय एपिसोड के लिए प्रेरित की।  नीतीश के इस विलय प्रकरण को हरी झंडी देने से राजनीतिक जगत में कई संदेश गए हैं। पहला कि नीतीश प्रदेश में बड़े भाई की भूमिका के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में लव- कुश समीकरण से जदयू को फायदा पहुंच सकता है। दूसरा, राजनीतिक गलियारे में चर्चा रहती है कि नीतीश एक बार किसी से नाराज हो जाये तो उसे जल्द माफ नहीं करते। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा से फिर से हांथ मिलाकर नीतीश ने पुराना मिथक तोड़ने का काम किया है। नीतीश कुमार पर यह भी उलाहना लगता है कि वह अपने बलबूते चुनाव नहीं लड़ सकते। लोजपा ने उन्हें अकेले चुनाव लड़ने की खुला चुनौ

बारी बारी अपने ही मंत्रियों से हो रही नीतीश की किरकिरी। Nitish on backfoot !

  पटना। न्यूज़। सोलह नवम्बर 2020 को जबसे नीतीश सरकार गठित हुई है किसी न किसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की किरकिरी होती रही है । चूंकि सरकार के मुखिया खुद नीतीशे कुमार हैं तो उन्हे घटक दल भाजपा, वीआईपी और हम के नेताओं को भी संभालना पड़ रहा है। इस बार संख्याबल इतना कम है कि नीतीश कुमार किसी अहम मुद्दे पर भी कराह कर रह जा रहे हैं। मुखर नहीं हो रहे हैं। पहली मुसीबत तो उनके विधायक मेवालाल चौधरी की तरफ से खड़ी हुई। मामला इतना तूल पकड़ा कि उन्हें मंत्री पद से हटाना पड़ा। इस तरह प्रथमे ग्रासे मक्षिका पातं के तर्ज पर नीतीश सरकार ने शपथ ग्रहण किया। अभी ताजा विवाद भूमि व राजस्व सुधार मंत्री रामसूरत राय को लेकर हो रहा है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के मुताबिक रामसूरत राय के भाई की जमीन पर शराब बरामद हुई और इसके लिए राम सूरत राय के भाई समेत 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इस मामले को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सदन में  उठाया । आज विधानसभा में इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। जाहिर है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर दुखी हैं। हालांकि रामसूरत राय ने पूरे मामले पर यह कहकर पल्ल

फिर गिरिराज के बयान से सब परेशान। नीतीश ने भी गिरिराज के बयान को दुत्कारा। Nitish unhappy on Giriraj statment

 पटना। न्यूज़। पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी एपिसोड के बाद नीतीश कुमार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अधिकारियों की पिटाई संबंधी बयान से ठेस पहुंची है। नीतीश ने साफ कहा कि पिटाई संबंधी बयान न्यायोचित है क्या? उधर भाजपा ने भी गिरिराज के बयान से तौबा किया है। ज्ञात हो कि कल बेगूसराय में आयोजित कार्यकर्म में  गिरिराज सिंह ने कहा कि जब अधिकारी सही से काम नहीं करे तो उसे  पिटाई करनी चाहिए। गिरिराज के इस बयान पर भाजपा ने भी पल्ला झाड़ लिया है। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पिटाई संबंधी बयान के बारे में गिरिराज से ही पूछिये। 

पशुपालन मंत्री मुकेश को पूरा विपक्ष घेरा, नीतीश भी मंत्री के कृत्य से आश्चर्यचकित । NDA minister makes mockery of bihar government

 पटना। न्यूज़। बिहार में पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी ने लालू राज के 15 वर्षों के शासन को पीछे छोड़ते हुए एनडीए सरकार पर कालिख पोतने का काम कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस तरह के कार्य को आश्चर्यचकित करने वाला कृत्य करार देते हुए पूरे मामले की जानकारी एकत्रित करने का भरोसा दिया है। विधानसभा में आज राजद सदस्य भाई वीरेंद्र ने पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश साहनी का मामला उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि की हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन मुकेश साहनी के बदले उनके भाई ने किया है जो घोर आपत्तिजनक है । उन्होंने ऐसे मंत्री को बर्खास्त करने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में अखबारों में छपी खबर को दिखाया गया। सीएम नीतीश कुमार ने कहा ऐसी जानकरी उन्हें नहीं है पर यदि ऐसी घटना हुई है तो घोर आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि मामले को खुद पता करते हैं। ज्ञात हो कि मुकेश साहनी के कारण सरकार को काफी किरकिरी हो रही है। विधानपरिषद में एक बार मुकेश साहनी ने प्रश्न कुछ था उत्तर किसी और प्रश्न का दे दिया।

शिक्षा और भिक्षा पर बिहार बजट का खास जोर। Bihar Budget focuses on education and borrowing

 पटना। न्यूज़। बिहार सरकार इस बार नई पीढ़ी का भविष्य सुधारने पर खास ध्यान देने जा रही है। कोरोना काल में जहां हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है वहीं नीतीश सरकार ने आज सदन में पेश बजट में शिक्षा के लिए दिल खोलकर बजट राशि का प्रावधान किया है।   बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह- वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि यह बजट बिहार को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। किसी भी राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं का स्किल्ड होना जरूरी है। बिहार के युवाओं का कौशल बढ़े, उनकी उद्यमिता को बढ़ावा मिले, इसके लिए वर्तमान बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।       उन्होंने कहा कि बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं नव उद्यमी को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। आज के बजट में नए उद्योग लगाने वाले युवाओं को  5 लाख रुपया तक का अनुदान देने तथा महज 1% की ब्याज दर पर 5 लाख रुपया का ऋण देने की घोषणा की गई है। अगले 5 वर्षों में 20 लाख रोजगार सृजन के हमारे संकल्प को पूर्ण करने में ये घोषणाएं एवं प्रावधान काफी अहम

कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लेने बाद डॉक्टर हुए कोरोना संक्रमित।Doctor infected even after taking first din of vaxin

 पटना। न्यूज़। कोरोना का खतरा धीमा जरूर पड़ा है पर खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने से पहले आईजीआईएमएस मेडिकल सुपरिटेंडेंट के ओहदा वाले डॉ.कृष्ण गोपाल कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जबकि जनकारी के मुताबिक वह एक दिन पहले हास्पिटल मैनेजमेंट कमिटी की  बैठक में भी  शामिल हुए थे।

भाजपा से निकाले गए नेता फिर घर वापसी के फिराक में। Ramnaresh Chaurasiya left hut.

 पटना। न्यूज़। हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के करीब 4 दर्जन से अधिक नेताओं नर बागी बनकर पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उस समय सभी बागी नेताओं को स्व. रामविलास पासवान की बनायी 'झोपड़ी' में शरण मिला। इस झोपड़ी में रहकर भाजपा से निकाले गए नेताओं ने चुनाव लड़ा, किन्तु हारने के बाद पस्त ये नेता फिर भाजपा में ठौर देख रहे हैं। लोजपा को महतो जी का दालान समझकर गए कई नेता नया ठौर खोज रहे हैं। रामेश्वर चौरसिया को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। चौरसिया ने लोजपा का दामन थामकर नोखा से चुनाव लड़ा पर हार गए। आज चौरसिया ने लोजपा से यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि वह पार्टी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। समझा जाता है कि चौरसिया के तर्ज पर लोजपा गए कई नेता अपने घर वापसी की तैयारी में है। लेकिन इन सब की वापसी बिना नीतीश कुमार की सहमति से संभव नहीं दिखाई दे रहा है। यदि ऐसे नेता भाजपा में शामिल हो गए तो भाजपा व जदयू के रिश्ते में खटास आ सकते हैं। भाजपा फिलहाल नीतीश से बैर करने की सोच नहीं सकती। किसान आंदोलन के कारण भाजपा बैकफुट पर है।